पुलिस को कंप्यूटर से जोड़ने की पहल
- अभी तक नहीं शुरू हो सका सीसीटीएनएस स्कीम
- ऑन लाइन एफआईआर नहीं बल्कि कंप्यूटर पर दर्ज हुई रिपोर्ट GORAKHPUR: एक तरफ पुलिस को कंप्यूटर से जोड़ने की पहल तो शुरू हो गई लेकिन एक सच यह भी है कि अभी तक सीसीटीएनएस सिस्टम लागू नहीं हो सका। गोरखपुर के शाहपुर में थर्सडे पहली बार कंप्यूटर पर एफआईआर दर्ज की गई। इस मौके पर एसएसपी, एसपी सिटी ने एफआईआर का प्रिंट निकाल कर पीडि़त को सौंपा। इसके पीछे उद्देश्य है कि पुलिस की वर्किग ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटराइज्ड हो। केवल कंप्यूटर पर दर्ज हुई एफआईआरपुलिस और पुलिसिंग को कंप्यूटराइज्ड करने की शुरूआत शाहपुर थाने से हुई। थर्सडे को इतिहास के पन्ने में पुलिस की एक और उपलब्धि दर्ज हुई। इसके गवाह बने एसएसपी रामकृष्ण भारद्वाज, एसपी सिटी सतेन्द्र कुमार सिंह, सीओ कैंट और एसओ शाहपुर। पहली कंप्यूटराइज्ड एफआईआर के वादी थे महाराजगंज के राज कुमार। उन्होंने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। शाहपुर एसओ रमाकर यादव ने बताया कि राजकुमार अपने परिवार के साथ वैगनआर कार से जा रहे थे। उनकी गाड़ी में ट्रक ने टक्कर मार दी। कंप्यूटर पर पहली एफआईआर दर्ज कर एसएसपी ने राजकुमार को उसकी कॉपी सौंपी।
सीसीटीएनएस सिस्टम में हो रही देरीक्राइम एण्ड क्रिमिनल्स ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम में पुलिस डिपार्टमेंट को ऑनलाइन जोड़ना था, जिसके तहत किसी भी शहर के किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कर उसका स्टेटस ऑनलाइन देखने के साथ क्रिमिनल्स का रिकार्ड भी ऑनलाइन हो सके। इसके लिए शासन ने करीब दो साल पहले शुरूआत की थी। जिसकी ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी और थानों पर कंप्यूटर सिस्टम भी लगा दिए गए लेकिन साप्टवेयर प्रॉब्लम के चलते आज तक सीसीटीएनएस प्रोग्राम रन नहीं कर सका।
एफआईआर और रिकार्डो के डिजीटलाइजेशन व लाइन केस डायरी के रखने के क्रम में प्रथम चरण में इसकी शुरुआत की गई है। शाहपुर के साथ कोतवाली और गोरखनाथ थाने में भी कंप्यूटराइज्ड एफआईआर की शुरुआत हो गई है। जल्द ही रिकार्ड ऑनलाइन हो जाएंगे जिससे पुलिसिंग की स्टाइल बदल जाएगी। राम कृष्ण भारद्वाज, एसएसपी गोरखपुर