-लगन के पहले डीजीपी ने जारी किया फरमान

- सीओ की पैरवी पर कैंसिल होगा लाइसेंस

लगन के पहले डीजीपी ने जारी किया फरमान

- सीओ की पैरवी पर कैंसिल होगा लाइसेंस

GORAKHPUR: GORAKHPUR: हर्ष फायरिंग से होने वाली घटनाओं की रोकथाम के लिए डीजीपी जावीद अहमद ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मार्च मंथ में जारी गाइड लाइन में सभी जिलों के एसएसपी, एसपी को पत्र भेजकर हर्ष फायरिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने को कहा था। अनचाही घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने, व्यक्तिगत सुरक्षा के अलावा लाइसेंसी असलहे का दुरुपयोग पाए जाने की दशा में कार्रवाई का निर्देश दिए। बावजूद इसके हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर लगाम नहीं कस पा रही है।

इन बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देश

- शादी-विवाह में बंदूकों से फायरिंग, शौकियां फायरिंग संबंधी पूर्व जानकारी होने पर समुचित पुलिस प्रबंध किया जाए।

- शादी विवाह में अस्त्र-शस्त्र के गलत प्रयोग की सूचना पर शस्त्र लाइसेंस के निरस्त्रीकरण की कार्रवाई होगी।

- शस्त्रों के गलत प्रयोग से होने वाली दुर्घटनाओं, अपराधिक घटनाओं में तत्काल प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया था।

- शस्त्रों के गलत प्रयोग, प्रदश्रन, हवाई फायरिंग रोकने लिए जन प्रतिनिधियों की मदद ली जाए।

- शस्त्रों से हवाई फायरिंग शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन और अपराधिक कृत्य है। इसका व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए लोगों को जागरूक किया जाए। इससे ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

- हर्ष फायरिंग की घटना में किसी की मृत्यु होने पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाए।

- शादी विवाह, बरात, पर्व- त्योहार, सामाजिक कार्यक्रमों, सार्वजनिक कार्यक्रम, मेला, खुशी के अवसरों, जन्म दिन के मौके पर लाइसेंसी असलहे से फायर न होने दिया जाए। ऐसे मामलों की सूचना पर मुकदमों में कोई लापरवाही न की जाए।

- मासिक समीक्षा बैठक में हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की जाए।

सीओ की जिम्मेदारी, एक माह में लाइसेंस कैसिंल

डीजीपी ने साफ कहा है कि लाइसेंसी असलहों से फायरिंग होने पर थानेदार जिम्मेदार होंगे। ऐसे अवसरों पर हुई फायरिंग का संज्ञान लेकर एसएसपी, एसपी संबंधित थानेदार के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त कराने हेतु संबंधित सीओ उत्तरदायी होंगे। ऐसी घटना के तीन दिन के भीतर प्रत्येक दशा में थाने से रिपोर्ट लेकर पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिला मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी व्यक्तिगत पैरवी कर इसे घटना से 0क् माह भीतर ही लाइसेंस निरस्त कराना और शस्त्रों को जमा कराना सीओ सुनिश्चित करेंगे।

Posted By: Inextlive