आग लगी तो कुआं खोदने दौड़े
- आग से तबाही मचने पर टूटी प्रशासन की नींद
GORAKHPUR: जिले में आग की तबाही मचने पर प्रशासनिक अमला कुआं खोदने में जुटा है। हर साल अगलगी से किसानों के अरमान जलते हैं। लेकिन सीजन खत्म होने के बाद जिम्मेदार इसे भूल जाते हैं। इसका खामियाजा बेबस और लाचार किसानों को भुगतना पड़ता है। इस सीजन में आग का तांडव देखकर एक बार फिर अमले की टेंशन बढ़ गई है। लेकिन प्रशासनिक अमले के पास इससे निपटने का भावी प्लान नहीं है। सीजन खत्म होते ही लोग इसे भूल जाएंगे। चुनौतियों के आगे नाकाफी इंतजामजिले में आग से निपटने के व्यापक इंतजाम नहीं है। आग लगने पर फायर विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अमला दौड़भाग में लग जाता है। हर जगहों की पब्लिक की जिम्मेदारी तय करने के बहाने अफसर अपनी नाकामी को छिपाने का प्रयास करते हैं। इसकी वजह से आने वाले समय की कोई तैयारी नहीं हो पा रही। फायर ब्रिगेड में मैन पॉवर के साथ- साथ गाडि़यों तादाद बढ़ाने की जरूरत जताई जा रही है। लेकिन इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हर जगह चाहिए गाडि़यांबताया जाता है कि अग्निशमन स्टेशन का दायरा आठ किलोमीटर निर्धारित है। लेकिन गोलघर स्थित फायर स्टेशन को पूरे जिले में भाग दौड़ करनी पड़ती है। आग लगने की सूचना मिलने पर गाडि़यों के मौके पर पहुंचने में काफी विलंब होता है। इससे एक ओर पब्लिक का गुस्सा भड़कता है। दूसरी ओर आग की तबाही रोकने में मदद नहीं मिल पाती। इसलिए कम से कम हर थाना क्षेत्र में एक गाड़ी की तैनाती जरूरी है। खासकर, गर्मियों की सीजन में जब आग की तबाही मचती है। दो साल पहले आग की बर्बादी देखते हुए तहसीलों पर फायर टेंडर तैनात किए गए थे।
कर्मचारी और उपलब्ध संसाधनपद संख्यासीएफओ एकएफएसओ एकएफएसएसओ 00एलएफएम क्फ्चालक क्भ्फायरमैन 7क् फायर टेंडर - 07स्थान तैनातीगोरखपुर शहर - 0फ्
कैंपियरगंज - 0क्बांसगांव - 0क्चौरीचौरा - 0क्बड़हलगंज - 0क् बोलेरो कैंपर, पंप - क्0