एआईबी का दो वर्षीय बाउंडेशन खत्म
-ऑल इंडिया बार एग्जाम (एआईबी) में अब कैंडिडेट्स को दो साल के अधिकतम अटेम्प्ट के बंधन से किया मुक्त
-बीसीआई ने राज्यों के काउंसिल को जारी किया सर्कुलर GORAKHPUR: वकील बनने के लिए आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जाम (एआईबी) में अब कैंडिडेट्स दो साल अधिकतम अटेम्प्ट के बंधन में नहीं रहेंगे। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एग्जाम के नियमों में बदलाव करते हुए अटेम्प्ट्स के नियम को खत्म कर दिया है। लॉ की पढ़ाई के बाद रजिस्टर्ड वकील बनने के लिए अब कैंडिडेट्स चाहे जितनी बार भी एग्जाम में शामिल हो सकेंगे। दो साल का बंधन खत्मबीसीआई ने इसे लेकर देशभर के राज्यों की काउंसिल को सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसमें एआईबीई एग्जाम में शामिल होने के लिए अधिकतर दो अटेम्प्ट्स को खत्म करने की सूचना दी गई है। इसके तहत एलएलबी की डिग्री लेने के बाद वकालत के लिए अनिवार्य ऑल इंडिया बार एग्जाम (एआईबीई) देने के अवसरों से अधिकतम दो साल की सीमा का बंधन समाप्त कर ि1दया गया है।
आवेदन फीस बढ़ाईबीसीआई ने नियम में बदलाव करने के साथ ही इस साल एआईबीई की फीस भी बढ़ा दी है। कैंडिडेट्स को इस बार तय फीस से 40 परसेंट ज्यादा चुकानी होगी। अब कैंडिडेट्स को आवेदन के समय 3500 रुपए बतौर फीस चुकानी होगी। बीसीआई ने फीस संबंधी सभी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है।
2012 में बढ़ी थी अावेदन फीस - साल 2010 में 1300 रुपए थी फीस - साल 2012 में बढ़ाकर 2500 रुपए हुई - अब 2017 में बढ़कर 3500 रुपए हो गई - इसमें बैंकिंग फीस शामिल नहीं है। वर्जन आवेदन फीस भले ही कैंडिडेट्स की जेब पर भारी पड़ेगी। लेकिन यह निर्णय एग्जाम को और बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। दो साल के अधिकतम अटेम्प्ट्स को खत्म करने से कैंडिडेट्स को असीमित मौके मिलेंगे। कैंडिडेट्स को इसका लाभ मिलेगा। प्रो। जितेंद्र तिवारी, एक्स डीन, लॉ डिपार्टमेंट, डीडीयूजीयू