शहर में बिजली तंत्र को दुरुस्त करने के लिए बिजली निगम ने कमर कस ली है. अब गोरखपुराइट्स बिजली को लेकर टेंशन नहीं होगी. शहर के अंदर 487 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबल बिछाई गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं अगर इसमें फॉल्ट होता है तो बिजली सप्लाई घंटों प्रभावित भी नहीं होगी। ऐसा इसलिए कि बिजली निगम एआईआईबी एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक स्कीम के तहत 495 करोड़ रुपए में पांच फॉल्ट लोकेटर मशीन भी खरीदने जा रहा है। इसमें दो शहर क्षेत्र के लिए है। इस मशीन की मदद से बड़ा से बड़ा फॉल्ट दो मिनट में तलाशा जा सकता है। खराब हो चुकी है मशीनबताते चलें कि आरएपीडीआरपी स्कीम के तहत 10 साल पहले 90 लाख की लागत से खरीदी गई फॉल्ट लोकेटर मशीन पहले की खराब हो चुकी थी। कई बार मरम्मत कराई गई, लेकिन दुरुस्त नहीं हो सकी। फॉल्ट को ठीक करवाने के लिए बाहर से मशीन मंगवाई पड़ती है, जिसपर बिजली निगम का अतिरिक्त खर्च हो जाता है, इसलिए बिजली निगम ने नई फॉल्ट लोकेटर मशीन खरीदने का निर्णय लिया है। 487 किलोमीटर बिछा है केबल
सिटी में 487 किलोमीटर तक हाई टेंशन अंडरग्राउंड केबल बिछाई गई है। फॉल्ट होने पर लखनऊ या फिर बाहर से निजी फॉल्ट लोकेटर मशीन 25 से 25 हजार रुपए में किराए पर मंगाई जाती है। बाहर से मशीन आने में काफी वक्त लग जाता है। फॉल्ट दुरुस्त करने के लिए पूरी लाइन को फिर खोदना पड़ता है। इसके चलते सड़कें खराब हो जाती है। उधर सप्लाई बंद होने से पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बिछाई गई है अंडरग्राउंड केबल शहर के गोलघर, बक्शीपुर और गोरखनाथ आदि इलाके में अंडरग्राउंड केबिल बिछाई गई है। वहीं, शहर के चारों खंडों के सबस्टेशन तक अंडरग्राउंड केबिल डाली गई है। यहां मशीन न होने की वजह से फॉल्ट ढूंढ पाना मुश्किल होता है। कैसे काम करता है फॉल्ट लोकेटर मशीनफॉल्ट लोकेटर मशीन इलेक्ट्रोमैगनेटिक डिवाइस तकनीक पर काम करती है। इस मशीन को मैकेनिक अंडरग्राउंड लाइन के किनारे लेकर चलेगा। इलेक्ट्रोमैगनेटिक डिवाइस लगी मशीन का संपर्क सीधा इयरफोन से होगा। अंडरग्राउंड केबिल में जहां फॉल्ट होगा, वहां केबिल के अंदर की स्पार्किंग की आवाज को डिडेक्ट कर एयरफोन तक पहुंचाएगी। मैकेनिक उसी स्थान पर फॉल्ट पकड़कर मरम्मत कर देगा। एक फॉल्ट लोकेट करने पर करीब 15 से 25 हजार रुपए लग जाते हैं, इसलिए एआईआईबी स्कीम के तहत 5 फॉल्ट लोकेटर मशीन खरीदने का निर्णय लिया गया है। शहर के लिए दो फॉल्ट लोकेटर मशीने होंगी। इसके अलावा विभिन्न स्कीम के तहत 450 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबल का कार्य किया जाएगा, ताकि शहरवासियों को बेहतर बिजली सप्लाई मिल सके। - ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर

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