गर्भवती महिला की मौत के बाद हॉस्पिटल में तोड़फोड़
- हालात गंभीर होने पर डॉक्टर ने किया रेफर, राणा हॉस्पिटल ले जाते समय महिला की मौत
- सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात GORAKHPUR: दूसरों की जान बचाने वाले डॉक्टर्स पर बुधवार खुद जान का संकट आ गया। गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजनों ने प्रगति मैटरनिटी एंड सर्जिकल क्लीनिक पर जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। घरवालों का आरोप था कि डॉक्टर्स ने महिला के इलाज में लापरवाही की है। इस दौरान गुस्साए परिजनों ने एंबुलेंस ड्राइवर की भी जमकर पिटाई की। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने हलका बल प्रयोग कर किसी तरह मामला शांत कराया। इस मुठभेड़ में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट को भी चोटें आई। सुरक्षा के मद्देनजर हॉस्पिटल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पीडि़ता पक्ष ने अभी तक पुलिस से कोई शिकायत नहीं की है। दोपहर में हुई थी भर्तीकैंट थाना क्षेत्र के बिंलदपुर निवासी राजकुमार की 32 वर्षीय पत्नी कनक उर्फ बिट्टो को प्रसव पीड़ा होने पर घर वालों ने बुधवार की दोपहर प्रगति नर्सिंग होम में एडमिट कराया। वहां उनका इलाज डॉ। रीता मिश्र कर रहीं थी। परिजनों की मानें तो कनक को काफी ब्लीडिंग हो रही थी। इस दौरान डॉक्टर्स ने ऑपरेशन का फैसला किया और उसे ऑपरेशन थियेटर में ले गए। मगर मरीज की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कि उसे हार्ट के डॉक्टर की जरूरत थी, मगर नर्सिंग होम में न तो कोई हार्ट का डॉक्टर था और न ही गंभीर स्थिति से निपटने के लिए आईसीयू की व्यवस्था। एनीस्थिसिया के डॉक्टर अबरार ने उसे बेहोश करने की प्रक्रिया शुरू की तो उसकी हालत और बिगड़ने लगी।
दूसरे नर्सिग होम किया रेफरइसके बाद डॉ। रीता ने उसे राणा नर्सिंग होम में भर्ती करने की सलाह दी और अपनी एंबुलेंस से उसे वहां भेज दिया। राणा नर्सिंग होम गेट पर ही उसकी हालत बिगड़ी और भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। एंबुलेंस में चालक के अलावा डॉ। अबरार और स्टाफ कर्मचारी भी साथ में मौजूद थे। नाराज घर वालों ने वहीं पर एंबुलेंस चालक और डॉक्टर पर हमला बोल दिया। किसी तरह से वह जान बचाकर वहां से भाग निकलने में कामयाब हुए। इसके बाद घर वालों ने अपने सगे संबंधियों को बुलाया और प्रगति नर्सिंग होम पहुंच गए। गुस्साए परिजनों ने यहां जमकर तोड़फोड़ की। नर्सिंग होम का शीशा, कुर्सियां, जनरेटर के साथ ही वहां खड़ी दो बाइक भी तोड़ दी। मौके पर पुलिस पहुंचने के बाद सभी तोड़फोड़ करने वाले फरार हो गए।
बच्चा अंदर फंस गया था। जिस वजह से ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। मगर महिला को ब्लीडिंग ज्यादा हो रही थी। इस वजह से दूसरे हास्पिटल भेजे जाने की सलाह देते हुए एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया। किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की गई है। - डॉ। बीपी मिश्रा, हॉस्पिटल प्रबंधक