अरे! वो तो फर्जी दरोगा निकला
-धर्मशाला बाजार में पकड़ा गया फर्जी दरोगा, वर्दी पहन झाड़ रहा था रौब
- कंधे पर लगे सितारे से खुली पोल, पुलिस कर रही कार्रवाई GORAKHPUR: दरोगा की वर्दी पहनकर रौब जमा रहा युवक पकड़ा गया। धर्मशाला बाजार में पुलिस ने कथित दरोगा को धर दबोचा। उसके कंधे पर लगे सितारे की बनावट अलग होने से फर्जीवाड़े की पोल खुल गई। गोरखनाथ पुलिस फर्जी दरोगा से पूछताछ कर रही है। पकड़े जाने के बाद उल्टीसीधी जानकारी देकर वह पुलिसवालों को छकाता रहा। आरोपी ने बताया कि आटो और बस का भाड़ा बचाने के लिए उसने दरोगा की वर्दी पहन ली। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पुलिस कार्रवाई कर रही है। धर्मशाला बाजार में दिखा रहा था वर्दी का रौबथर्सडे दोपहर करीब साढ़े तीन बजे धर्मशाला बाजार में एक युवक पहुंचा। दरोगा की वर्दी पहने युवक मार्केट में लोगों पर रौब दिखाने लगा। टेंपो वालों को तंग करने लगा। ठेला-खोमचे वालों को खूब परेशान किया। किसी ने दरोगा के हरकत की जानकारी चौराहे पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों को दी। पुलिसवाले पहुंचे तो युवक को देखकर ठिठक गए। लेकिन बातों में फंसाकर उसको धर्मशाला चौकी पर ले गए। वहां फर्जी दरोगा की पोल खुल गई।
कंधे पर लगे स्टार से खुल गई पोलयुवक के वर्दी पहनने का अंदाज बिल्कुल दरोगा से मिल रहा था। उसकी कदकाठी को लेकर पुलिसवालों का शक हुआ। लेकिन चौकी में ले जाने के बाद पूरी असलियत सामने आ गई। युवक की वर्दी पर लगे स्टार में अंतर देखकर पुलिस का शक यकीन में बदल गया। दोनों कंधे पर लगे चार स्टार में तीन एक तरह की थी जबकि चौथी में अंतर पाया गया। फर्जी दरोगा को देखने के लिए चौकी पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बाद में पुलिस ने उसको गोरखनाथ थाना पहुंचा दिया।
किराया बचाने को वर्दी खरीद बन गया दरोगा पकड़े गए युवक ने बताया कि वह गाजीपुर निवासी संदीप राजभर है। असुरन चौराहे पर किराये के कमरे में रहकर देवरिया, बैतालपुर में एक प्राइवेट फर्म में काम करता है। युवक ने कहा कि आटो और बस का भाड़ा बचाने के लिए उसने दरोगा की वर्दी पहन ली। जीआरडी गेट के सामने दुकान से उसने वर्दी खरीदी। असुरन चौकी का दरोगा बताकर वह चौराहे ठेलों वालों से मुफ्त में सामान लेता रहा। देवरिया आनेजाने में बस-टेंपो वाले उससे किराया नहीं मांगते थे।फर्जी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उसके बारे में कई दिनों से जानकारी मिल रही थी। थर्सडे को पुलिस ने उसको रंगे हाथ अरेस्ट किया।
सदानंद सिंह, एसओ गोरखनाथ