'फ्लां क्लास की परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है.' 'सेमेस्टर परीक्षाएं अपरिहार्य कारणों से फ्लां डेट से शुरू होंगी.' 'अपरिहार्य कारणों से बीएड की परीक्षाएं स्थगित की जाती हैं.'


गोरखपुर (ब्यूरो)।, ऐसे ही कुछ 'अपरिहार्य कारणÓ और 'स्थगित परीक्षाएंÓ स्टूडेंट्स का दोहरा इम्तेहान ले रही हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स अब एग्जामिनेशन सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। एग्जाम का टाइम टेबल जारी कर कुछ दिन बाद ही उसे अपरिहार्य कारण बताकर टाल देना आम बात होती जा रही है। इससे स्टूडेंट्स की तैयारियां तो प्रभावित हो ही रही हैं, वहीं उनका स्ट्रेस लेवल भी बढ़ रहा है। ऐसे में ए प्लस प्लस का तमगा पास रखने वाली यूनिवर्सिटी से हारे स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर अपने गम और गुस्से का इजहार कर रहे हैं। किसी ने इस लापरवाही को यूनिवर्सिटी प्रशासन पर धब्बा बताया है तो वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। बिना रिजल्ट जारी कर दिया टाइम टेबल


गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एनुअल एग्जाम 14 मार्च से शुरु होने वाले थे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने डेट और टाइमटेबल जारी कर दिया था। मगर दो दिन पहले यूनिवर्सिटी ने अपरिहार्य कारण बताते हुए इसे स्थगित कर दिया। वहीं अभी एग्जाम की डेट भी डिक्लेयर नहीं की है। सोर्सेज की मानें तो अभी कुछ कॉलेजों में बैक पेपर और इंप्रूवमेंट के रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हो सके हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स का इनकम्प्लीट रिजल्ट भी शो कर रहा है। बिना रिजल्ट वह परीक्षा फॉर्म भी नहीं भर सके हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी केा डेट बढ़ानी पड़ रही है। मगर सवाल यह है कि जब जिम्मेदारों को पता था कि अभी रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हुआ है तो इतनी जल्दबाजी तें एग्जामिनेशन डेट डिक्लेयर करने की क्या जरूरत या मजबूरी आ गई थी। फिलहाल स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के इस रवैये से काफी परेशान हैं और वह प्रॉपर वे में तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। ट्विटर पर स्टूडेंट्स के रिएक्शन - Narayan Dutt Pathak@NarayanDuttPat5विश्वविद्यालय प्रशासन के तरफ से आए दिन इस प्रकार की लापरवाही का होना सामान्य हो चुका है। जिसके कारण कारण तिथियों मैं बदलाव परीक्षा परिणामों में गलतियां आदि अनेक समस्याओं का सामना छात्रों को करना पड़ा रहा इन समस्याओं से छात्रों को निजात दिलाने के लिए हम आंदोलन करने के लिए विवश हैं।Anurag Mishra@AnuragM49718968दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में यह प्राय: देखने को मिलता है कि जारी प्रथम सूचना के अनुसार परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पाता है, जो विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों के अति उदासीनता तथा लापरवाही को प्रदर्शित करता है।Prince Tiwari - socialactivist@journoprince

ए प्लस प्लस मिलने के बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही कही न कही विश्वविद्यालय प्रशासन पर धब्बा है। लगातार परीक्षाओं का स्थगित होना ये दर्शाता है की प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। कागजों में ग्रेडिंग पाने में और जमीन पर काम करने में बहुत अंतर होता है कुलपति जी।Chandrapal Singh Yadav@ichandrapalYविश्वविद्यालय प्रशासन आए दिन विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, यहां हर छोटी बड़ी समस्याओं को आंदोलन द्वारा ही हल कराया जा सकता है। सामान्य विद्यार्थी क्लास करें, प्रशासनिक भवन का चक्कर लगाएं या धरना प्रदर्शन करें।ALOK CHAUBEY@alokchaube406गोरखपुर विश्वविद्यालय में जिस प्रकार से विश्वविद्यालय प्रशासन जो रवैया है उससे यही लगा है कि विश्वविद्यालय को लूटकर इसे बंद करने की प्लानिंग चल रही है।Satwik Srivastav@Satwik_8055समस्त विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चिंतनीय विषय, छात्र हित के नजरिए से इसे जल्द से जल्द सुधारने की आवश्यकता है।mobius@aamirraza036सवाल ये है कि अगर कोई छात्र बैक पेपर में फेल हो जाता है तो उसे तैयारी करने का कितना समय मिलेगा?पिछले एक साल में यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही- एलएलबी के पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा में 'प्रोफेशनल एथिक्सÓ की जगह Óअल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेग्युलेशनÓ का पर्चा बंट गया। ऐसे में 5 मार्च को होने वाला एग्जाम कैंसिल करना पड़ा।

- 26 अप्रैल 2022 को बीए सेकेंड ईयर इंग्लिश के दूसरे पेपर में बीए फस्र्ट ईयर का सवाल आ गया। स्टूडेंट्स के विरोध करने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन को परीक्षा टालनी पड़ी थी। - 18 अप्रैल 2022 को ऑनलाइन सेल की गलती से पॉलिटिकल साइंस के कई स्टूडेंट्स का एग्जाम छूट गया। प्रश्नपत्र की परीक्षा 18 अप्रैल को थी, लेकिन ऑनलाइन सेल ने एडमिट कार्ड में डेट 19 अप्रैल दर्ज कर दिया था। हंगामे के चलते यूनिवर्सिटी को छूटे स्टूडेंट्स के लिए अलग से परीक्षा करानी पड़ी थी। - इस सेशन में एमएड एंट्रेंस एग्जाम के दौरान माइनस मार्किंग की स्थिति स्पष्ट न कर पाने के चलते यूनिवर्सिटी को परीक्षा दोबारा करानी पड़ी थी।- 4 नवंबर 2022 को एमए इकोनॉमिक्स थर्ड सेमेस्टर के मिड टर्म एग्जाम में स्कीम और एडमिट कार्ड का कोड अलग-अलग होने की वजह से स्टूडेंट्स जिस पेपर का एग्जाम देने आए, वह नहीं दे पाए। स्टूडेंट्स के हंगामे के बा परीक्षा नियंत्रक ने एग्जमा की नई डेट घोषित की। क्या बोले जिम्मेदार?
एग्जामिनेशन कंट्रोलर राकेश कुमार ने बताया कि कुछ स्टूडेंट्स ये शिकायत लेकर आए थे कि उनका परीक्षा फॉर्म अभी नहीं भरा गया है। बैक पेपर और इंप्रूवमेंट का कुछ रिजल्ट पेंडिंग था, जिसे जारी कर दिया गया है। कॉलेजों की मांग पर परीक्षा स्थगित की गई। जल्द ही इसका नया शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive