जानते सब हैं पर अपनाता कोई नहीं..
- शहर में 100 से अधिक जनप्रतिनिधि, किसी के यहां नहीं लगा है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
GORAKHPUR: नेता जो करते हैं जनता उसका अनुसरण करती है। नेताओं के आवाह्न पर जनता आंदोलन करती है तो पब्लिक के कहने पर नेता भी ऐसे काम करने को प्रेरित होते हैं जिससे समाज का भला हो। लेकिन गोरखपुर के नेता न तो खुद से प्रेरित हैं और न ही जनता से। इसीलिए तो शहर में बढ़ते जलसंकट की जानकारी होते हुए भी यहां के किसी नेता के यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। चूंकि नेता के यहां ही नहीं लगा है तो पब्लिक के यहां भी नहीं लगा है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को शहर में एक दर्जन से अधिक सांसद, विधायक और पार्षदों से बात किया। सभी जनप्रतिनिधियों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बारे में जानकारी होने की बात बताई लेकिन इस सिस्टम को लगाने के मुद्दे पर चुप्पी साध ली।
100 से अधिक जनप्रतिनिधियों का घरनगर निगम सीमा के अंदर लगभग 100 से अधिक जनप्रतिनिधियों का घर है। जिसमें 81 घर तो नगर निगम के ही जनप्रतिनिधियों के हैं। वहीं गोरखपुर जिले के अलावा आस-पास के भी जिलों के जनप्रतिनिधियों का घर गोरखपुर नगर निगम सीमा के अंदर है। किसी भी जनप्रतिनिधि के घर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है।
अब लगाएंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बारे में बात करने पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जल्द ही यह सिस्टम उनके यहां लगेगा। यह कब तक शुरू होगा इस पर कुछ ने बारिश बाद का समय दिया तो कुछ ने कहा कि लोगों से बात की जा रही है। जल्द ही सिस्टम लगा दिया जाएगा। नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अपनी आप बीती सुनाते हुए बताते हैं कि एक बार इस सिस्टम को अपने घर में बनाने के लिए सोचा और कार्य शुरू कराया। ढाई मीटर तक गड्ढा खोदा गया। उसके बाद उसमें से पानी आने लगा और दीवार गिरने लगी। बहुत कोशिश के बाद मामला जब नहीं बना तो एक कोशिश और शुरू की। नाली को बाहर की जगह घर के लॉन में मोड़ दिया। लेकिन सिस्टम नहीं लग सका। जीडीए की लापरवाहीशहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने को लेकर योजना तो है लेकिन जीडीए के अधिकारियों की लापरवाही से यह सिस्टम लागू नहीं हो पा रहा है। जीडीए के गाइड लाइन में है कि किसी भी घर का नक्शा बिना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के पास नहीं होगा, लेकिन इस गाइड लाइन का केवल कोरम ही पूरा होता है। नगर निगम भी शहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू करने को लेकर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता। जीडीए के चीफ इंजीनियर संजय सिंह का कहना है कि गोरखपुर में भू-जल स्तर बहुत ऊपर है, जिससे यहां इस सिस्टम को लागू नहीं किया जाता है।
पानी बचाने के लिए सबको प्रयास करने की जरूरत है। गोरखपुर का वाटर लेवल बहुत ऊपर है, ऐसे में यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना मुश्किल है। जिस एरिया में यह सिस्टम लग सकता है, उस एरिया के लोगों को लगवाना चाहिए। वहीं जहां नहीं लग पा रहा वहां कोशिश करें कि पानी की बर्बादी किसी तरह रुके। - डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, नगर विधायक मेरे घर के एरिया में वाटर लेवल बहुत ही ऊपर है। ऐसे में मेरे यहां एक बार कोशिश किया गया था, लेकिन इंजीनियर ने मना कर दिया था। फिर हम लोगों ने तय किया कि घर का पानी नालियों द्वारा बाहर न जाए। इसलिए घर का पूरा पानी घर के बागवानी में और पेड़-पौधों में डाला जाता है। - डॉ। सत्या पांडेय, मेयर