घर-बाहर व्यवहार में फर्क क्यों?
- फिर बाहर क्यों नहीं निभाते शिष्टाचार
- भगवान को पूजते तो नारी का अपमान क्योंGORAKHPUR : नौ देवियों की पूजा होती है। देवियों के साथ ही भगवान को पूजा जाता है। हर आदमी घर के बाहर इतना क्यों बदल जाता है। आखिर ऐसा क्या होता है कि वह अपनी बेटी, बहन और दूसरे की बहन, बेटी में फर्क भूल जाता है। सड़क हो या पार्क, गली हो या मार्केट, हर जगह बदनीयती पीछा करती है। ऐसे में सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े हो जाते हैं। आई नेक्स्ट ने सोसायटी में साफ सुथरी मानसिकता बनाने के लिए 'इज्जत करो' अभियान चलाया है। इससे यूथ का जुड़ाव बढ़ता ही जा रहा है। हमें ढेरों रिस्पांसेज मिल रहे हैं जो अभियान को सपोर्ट कर रहे हैं। मंडे को अग्रसेन तिराहे पर आई नेक्स्ट टीम ने दो घंटे बिताकर गर्ल्स की पीड़ा को महसूस करने का प्रयास किया। इस दौरान गर्ल्स और ब्वॉयज ने ईव टीजिंग को लेकर अपनी राय रखी।
स्पॉट- अग्रसेन तिराहाअग्रसेन तिराहा बैंक रोड, सिनेमा रोड, जुबिली इंटर कालेज और बक्शीपुर के पुस्तक बाजार, टाउनहाल तिराहा के बीच महत्वपूर्ण जगह है। चौराहे के पास शॉपिंग मॉल्स, जुबिली रोड और बक्शीपुर के पुस्तक बाजार में आने जाने वालों की भीड़ लगी रहती है। बैंक रोड पर सभी प्रमुख बैंक स्थित हैं। ऐसे में सड़क पर पुरुषों, युवाओं के साथ-साथ सैकड़ों की तादाद में महिलाओं, युवतियों और छात्राओं का आवागमन होता है। मंडे को आई नेक्स्ट टीम ने यहां दो घंटे बिताए। इस दौरान ब्वॉयज व गर्ल्स से ईव टीजिंग को लेकर खुलकर बात हुई।
गर्ल्स के जवाब प्रियंका सिंह : क्। हर किसी को लड़कियों की रिस्पेक्ट करनी चाहिए। लेकिन ऐसा न करने वाले लोग ही सड़कों पर इस तरह की हरकत करते हैं। कई बार उनको टोक देते हैं। ख्। नहीं, कभी कोई ऐसी बात नहीं हुई। फ्। कभी-कभी मम्मी से ऐसी बातों पर डिस्कस कर लेती हूं। ज्यादा गंभीर मसला होने पर हर लड़की को चाहिए अपने पैरेंट्स से इस मुद्दे को शेयर करे। वैशाली : क्। अकेली होने पर ऐसी परिस्थितियों को अवाइड कर देती हूं, लेकिन भाई या सहेली के साथ होने पर जरूर जवाब दे देते हैं। ख्। ऐसे मसले में पुलिस से शिकायत करने पर बात बढ़ती है। कोई गंभीर बात न हो तो लड़की होने की वजह से ऐसे मामलों को निपटा लेना चाहिए।फ्। कई बार छोटी-मोटी घटनाएं होती है जिनका जिक्र करना उचित होता, लेकिन कोई जानबूझकर पीछे पड़ जाए तो उसको सबक सिखाना जरूरी होता है। कोई मुश्किल आने पर घर में जरूर बात करते हैं।
प्रिया गुप्ता क्। इन पर गौर नहीं करते हैं। निगलेक्ट करने से ऐसे लोग खुद ही समझ जाते हैं। ख्। नहीं, जब कोई गंभीर बात हो तो पुलिस की मदद लें। ऐसे मामलों को चुपचाप सहन करना ठीक नहीं है। फ्। पहले खुद से समझाने का प्रयास करना चाहिए। यदि कोई नहीं समझ रहा है तो उसके बारे में फैमिली मेंबर्स को जानकारी दी जानी चाहिए। फैमिली मेंबर्स भी सामाजिक भय दिखाकर मामला सुलझाने का प्रयास करें, लेकिन इसके बाद भी किसी की हरकत नहीं रुक रही हो तो गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए। जुड़े अभियान से, ली शपथअग्रसेन तिराहे से गुजर रहे युवक आई नेक्स्ट के साथ खुद ही जुड़ गए। कई युवक पहुंचे और 'इज्जत करो' अभियान के बारे में जानकारी ली। अभियान की सराहना करते हुए युवकों ने इसको आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। युवकों ने कहा कि लड़कियों के साथ ईव टीजिंग एक अभिशाप है। इसको दूर किए बिना स्वस्थ समाज की स्थापना संभव नहीं है। युवकों ने शपथ ली कि ऐसी घिनौनी हरकतें नहीं होने देंगे। यदि कोई करता है तो उसका प्रतिकार करेंगे। उसको पहले समझाने का प्रयास किया जाएगा। बात न बनने पर पुलिस के हवाले करके सबक सिखाया जाएगा। ऐसी हरकतें करने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।
ब्वायज के जवाब लड़कियों और महिलाओं की इज्जत सभी को करनी चाहिए। यदि कोई गलत हरकत करता है तो बिना डरे उसका विरोध जताना चाहिए। दीपक उपाध्याय लोग सोचते हैं कि हम क्यों इस पचड़े में पड़ने जाएं। मोहल्ले में कोई बात होने पर ध्यान नहीं देते, लेकिन जब कभी अपने घर में कोई प्रॉब्लम आ जाती है तो उनको अहसास होता है। ऐसे में सभी को इस पर ध्यान देना होगा। पप्पू कुमार गौंड़ समाज की सोच नहीं बदल रही है। हर जगह इस तरह का घिनौनापन नजर आने लगा है। लोग बेवजह लड़कियों के पहनावे पर सवाल उठाते हैं। अपनी सोच को बदल दे तो इन सब चीजों का फर्क नहीं पड़ेगा। सलीम अब्बास स्कूल हो बाजार, हर जगह ऐसी हरकतें होती हैं। ऐसे में कहां-कहां विरोध जताएं। शोहदों को सबक सिखाने के लिए युवकों को आगे आना चाहिए। सार्वजनिक पिटाई से शोहदे अपने आप सुधर जाएंगे। प्रशांत उपाध्याय