पहले सीखे गुर, अब करेंगे अवेयर
- बाल वन प्रोग्राम में 50 स्कूलों के टीचर्स के लिए आर्गेनाइज हुआ ट्रेनिंग प्रोग्राम
GORAKHPUR: गोरखपुर एनवार्यमेंटल एक्शन ग्रुप, वन विभाग, उत्तर प्रदेश सहभागी वन प्रबंध और निर्धनता उनमूलन परियोजना और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के सहयोग से बाल वन कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया। सिटी के विवेक होटल में आयोजित इस प्रोग्राम में बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ। सीमा त्रिपाठी बाल वन कार्यक्रम में आये टीचर्स का स्वागत किया। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में जनपद के सेलेक्टेड 50 स्कूलों के टीचर्स को पर्यावरण संरक्षण एवं वनो केमहत्व के बारे में जानकारी दी गई। इससे टीचर्स ने अपने स्कूल के स्टूडेंट्स को पर्यावरण संरक्षण एवं वनों के महत्व को लेकर जागरुक कर सकेंगे। इस मौके पर महानगर पर्यावरण मंच के वरिष्ठ सदस्य पीके लाहिड़ी ने बताया कि प्रति व्यक्ति औसत 180 ग्राम कूड़ा घरों से निकलता है।60 परसेंट होती है पॉलिथीन
एक अध्ययन के अनुसार हमारे घरों से निकलने वाले कूड़े-कचरे में 71.47 प्रतिशत गलनशील प्रकार के कूड़े होते हैं। 28.53 प्रतिशत अगलनशील कचरों होते हैं, जिसमें 60 प्रतिशत पॉलिथीन होती है। उन्होंने बताया कि स्कूलों से निकलने वाले कूड़े कचरे का प्रबंधन तीन तरह से किया जा सकता है। पहला सामान्य, दूसरा एरोबिक और तीसरा ड्रम टेक्नीक। इसमें सबसे आसान तरीका ड्रम टेक्नीक का है। इस विधि से आसानी से स्कूलों के कूड़े कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है। जिससे स्कूल परिसर को साफ सुथरा रखा जा सकता है साथ ही फूल पौधों को आसानी से जैविक खाद मिल सकेगी।
पॉल्युशन से हो रही अनियमितता इस मौके पर प्रो। एस.एस। वर्मा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण विश्व के कई देशों में तापमान में वृद्धि और कमी के साथ-साथ, अधिक वर्षा, अनियमित आद्रता, शीतलहर, लू अथवा गर्म हवाएं और वर्षा की तीव्रता और अनियमितता देखी जा रही है। इस कारण हमारा जन-जीवन और वातावरण काफी प्रभावित हुआ है। इस मौके पर 50 स्कूलों के शिक्षकों के साथ ही प्रो.एस.एस। वर्मा, पी.के लाहिड़ी, डॉ। सीमा त्रिपाठी, डॉ। मुमताज खान व जितेन्द्र द्विवेदी उपस्थित रहे।