एक चिता पर हुआ दाह संस्कार
- एक साथ उठी अर्थी, कॉलोनी में मचा चित्कार
- तीन माह में बेटे की शादी कराना चाहते थे दंपतिGORAKHPUR: इंजीनियर संजय और उनकी पत्नी तुलिका की हत्या लोग मर्माहत हैं। पॉश कॉलोनी में डबल मर्डर ने सबके माथे पर चिंता की लकीर खींच दी। लोग कातिलों को बेनकाब देखना चाह रहे हैं। शुक्रवार की देर रात दंपति की डेड बॉडी घर पहुंची। शनिवार की सुबह रिश्तेदारों और शुभचितंकों का जमावड़ा लग गया। कार्मल और एचपी स्कूल के टीचर्स, बच्चों के साथ-साथ रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी जमा थे। लखनऊ में रहने वाली रिश्तेदार के आने के बाद दंपति की अर्थी उठी। एक साथ दो अर्थी देखकर लोगों का कलेजा फट पड़ा। व्यवहार कुशल दंपति के हत्यारों को हर कोई कोसता रहा। राजघाट में राप्ती नदी तट पर एक चिता पर दंपति का दाह संस्कार कराया गया। बेटे ने माता-पिता को मुखाग्नि दी तो शुभचिंतक अपने आंसू नहीं रोक सके।
जल्द शादी कराना चाहते थेशनिवार की तड़के से विंध्यवासिनी नगर कॉलोनी में लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया था। कॉलोनी में आने वाले लोग इंजीनियर साहब या तुलिका मैम के घर का रास्ता पूछकर सीधे वहीं पहुंच रहे थे। घटना की सूचना पर ज्यादातर रिश्तेदार रात में जुट गए। लखनऊ और आसपास के जिलों में रहने वाले कुछ रिश्तेदार सुबह पहुंचे। रेलवे के चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर आरके गुप्ता ने संजय के बेटे प्रणव से मिलकर ढांढस बंधाया। किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर कभी भी कॉल करने को कहा। प्रणव ने उनको बताया कि मम्मी-पापा उसकी शादी कराना चाहते थे। तीन माह के अंदर शादी करने की बात चल रही थी। उनके मर्डर से शादी का अरमान अधूरा रह गया।
रोती हुई घर लौटी छात्राएंडबल मर्डर से लोग अपनी-अपनी सुरक्षा बढ़ाने को लेकर चिंतित नजर आए। लोग में घर में लोहे की जालियों और सीसीटीवी कैमरों के लगाने पर जोर दे रहे थे। कई लोगों ने कहा कि दिन भर बाहर रहने के दौरान बच्चों की सुरक्षा की चिंता रहती है। ऐसे में घर में सुरक्षा को इंतजाम बढ़ाए जाने चाहिए। विंध्यवासिनी नगर मोहल्ले में लोगों ने चारों तरफ बाउंड्रीवॉल ऊंची करने और एक दूसरे गेट की जगह दीवार चलाने का फैसला लिया। मुख्य रास्ते पर गेट लगाने के साथ-साथ सुरक्षा गार्ड की तैनाती के लिए लोग आपस में राय-मशवरा करते रहे। उधर प्रिंसिपल के मौत की सूचना से स्कूलों के बच्चे काफी परेशान रहे। शुक्रवार की रात तमाम बच्चों ने भोजन नहीं किया। खासकर मोहल्ले में रहने वाले लोगों के बच्चे बिना कुछ खाए पीए ही सो गए। सुबह प्रिंसिपल मैम के अंतिम दर्शन को पहुंची छात्राएं रोती हुई घर लौटी।