इंसेफेलाइटिस लाइलाज घोषित
- दो दशक से पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस का कहर
GORAKHPUR: पूर्वाचल में कहर बरपा रहे इंसेफेलाइटिस को प्रदेश सरकार ने असाध्य रोगों की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। इससे इंसेफेलाइटिस से प्रभावित इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। अरबों रुपए खर्च करने के बावजूद इंसेफेलाइटिस से मासूमों की मौत पर लगाम न लगने के चलते सरकार ने ये फैसला लिया है। छीन लीं हजारों जानेंइंसेफेलाइटिस का आतंक पूरे पूर्वाचल विशेषकर गोरखपुर में है। कोई ऐसा दिन नहीं जाता जब इस रोग से किसी मासूम की मौत की खबर न आती हो। जेई यानी जापानी इंसेफेलाइटिस को खत्म करने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाकायदा रिसर्च होती है। इसके बावजूद इस रोग का इलाज अब तक नहीं ढूंढ़ा जा सका है। विशेषज्ञों ने पेयजल की स्वच्छता और सावधानी को ही बचाव बताया है। इंसेफेलाइटिस से इस वर्ष 300 से अधिक मासूमों ने दम तोड़ दिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड में लगातार रोगियों का इलाज चल रहा है। असाध्य रोग के तहत पहले लिवर, कैंसर, हार्ट, किडनी आदि की गंभीर बीमारियां शामिल थीं। अब इंसेफेलाइटिस को भी इसमें शामिल कर लिया है।
प्रदेश सरकार इंसेफेलाइटिस को असाध्य रोग की श्रेणी में शामिल करने जा रही है। इसके अलावा बीमारी से निपटले के लिए दो करोड़ रुपये दिए गए है। जल्द ही दवा के साथ अन्य सुविधाओं में बदलाव देखने को मिलेगा।
डॉ। आरपी शर्मा, प्राचार्य