बिजली विभाग की लापरवाही से टूटते हैं पोल
- रियाज हॉस्पिटल के पास तड़के 4 बजे ट्रक ने पोल में मारी टक्कर
- बक्शीपुर सब स्टेशन के 35 हजार कंज्यूमर्स पानी के लिए तरसे GORAKHPUR: सड़क किनारे लगे पोल बिजली गुल होने की वजह बन रहे हैं। चौंकिए नहीं, यही सच है। रोड से बिलकुल सटे हुए पोल्स से टकराकर व्हीकल्स बिजली गुल कर देते हैं। वेंस्डे सुबह करीब 4 बजे मोहद्दीपुर के रियाज हॉस्पिटल के पास एक पोल में ट्रक ने टक्कर मार दी जिसके कारण पोल क्षतिग्रस्त हो गया। पोल के क्षतिग्रस्त होने के कारण बक्शीपुर सब स्टेशन से जुड़े एरियाज में 11 घंटे तक बिजली गुल रही। आई नेक्स्ट ने जब इस मामले में पड़ताल की तो पता चला कि पोल से वाहनों के टकराने की ज्यादातर घटनाएं रात में ही होती हैं। इनसे निपटने को विभाग ने एक योजना भी बनाई थी, लेकिन वो भी लापरवाही की भेंट चढ़ गई।घंटों गुल हो जाती है बिजली
पिछले एक माह में हुई घटनाओं को देखें तो 15 से अधिक जगहों पर वाहनों के पोल से टकराने के चलते घंटों बिजली गुल रही, वहीं विभाग को भी भारी नुकसान हुआ। बिजली विभाग की आंकड़ों की माने तो सिटी में 15 से 20 हजार ऐसे पोल्स हैं जो सड़क के बहुत करीब हैं। इनमें से टीपीनगर, मोहद्दीपुर और राजेंद्र नगर में लगे लगभग 1 हजार पोल ज्यादा सेंसेटिव हैं क्योंकि यहां से हाइवे गुजरता है। इन रोड्स पर ढाबे ज्यादा हैं और रात में बड़ी संख्या में ट्रक खड़े होते हैं। रात को बिजली न होने की कंडीशन में अक्सर ट्रक पोल से टकरा जाते हैं। हल्की टक्कर में ही इंसुलेटर पंचर हो जाता है और बिजली घंटों के लिए गुल हो जाती है।
लग जाते रेडियम स्टीकर तो नहीं होती घटना सड़क किनारे डेंजर जाने में लगे 15-20 हजार पोल्स रात के अंधेरे में दिखते ही नहीं है। लास्ट इयर नकहा क्रासिंग पर लगातार तीन रात ट्रक के टक्कर मारने से पोल टूटा था। उसके बाद रोड के 10 पोल्स पर रेडियम स्टीकर लगाने का प्लान बना। डेंजर जोन के सभी पोल्स पर रेडियम स्टीकर लगने थे, लेकिन नकहा क्रासिंग पर स्टीकर लगाने के बाद यह योजना ठप हो गई।