नेम प्लेट छूटी, तो रह जाएंगे 'ऑफलाइन'
- बिजली चेकिंग अभियान के दौरान नेम प्लेट छूटे घरों मे आ सकती है प्रॉब्लम
- शहर के अधिकांश घरों के सामने पीले रंग में नहीं लिखा नाम और पता - ऐसे घरों की डाटा एंट्री न होने से इनके यहां नहीं आएगा बिल GORAKHPUR: कंज्यूमर्स की लापरवाही उन्हें बड़ी मुश्किल में डाल सकती है। बिजली चेकिंग के दौरान उनके घर पर विभाग ने नेम प्लेट पर नाम नहीं लिखा, तो उनको ऑनलाइन के साथ ही कई सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उनका रिकार्ड तो विभाग के पास रहेगा, लेकिन नेम प्लेट पर नाम न होने के कारण उनका रिकॉर्ड ऑनलाइन शो नहीं करेगा। नीले पट्टी पर रहती है डिटेलमहानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह ने बताया कि विभाग इसलिए घर के बाहर पीले पट्टी पर नेम प्लेट लिख रहे हैं। क्योंकि इससे फायदा यह होता है कि विभाग के लोगों को कनेक्शन नंबर और किसके नाम से कनेक्शन है, इसे न खोजना पड़े। यही वजह है कि अब जिस भी कंज्यूमर्स के घर पर नेम प्लेट नहीं और उनकी डिटेल नहीं है, उन सभी का डाटा रिकार्ड बिजली विभाग ने ऑनलाइन नहीं किया है। यह बाद में उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
यह आ सकती है प्रॉब्लम आरआर सिंह का कहना है कि जिस भी कंज्यूमर्स के घर के बाहर नेम प्लेट पर रिकार्ड नहीं है। ऐसे कंज्यूमर्स के यहां कई तरह की परेशानी आ सकती है। जैसे उनके यहां बिल रीडिंग करने वाला कोई नहीं जा सकता है, वह ऑनलाइन कंप्लेन नहीं कर सकते है, उनके यहां विभाग कर्मचारी के जाने के बाद कागज मंगाना पड़ेगा, जबकि नेम प्लेट पर लिखा होने पर वहीं से वह रिकार्ड चेक कर लेंगे। शहर में 24 प्रतिशत हुआ लाइन लॉस बिजली विभाग का कहना है कि पिछले एक साल से लगातार चेकिंग अभियान के दौरान अभी तक एक लाख कंज्यूमर्स के घर चेकिंग हुई है। इस दौरान कंज्यूमर्स को जो भी प्रॉब्लम हुई उनको मौके पर ही दूर किया गया है और वहीं बिजली चोरी पकड़ी गई। इस दौरान शहर में लाइन लॉस 15 प्रतिशत के आसपास कम हुआ। एक साल पहले महानगर में कुल 39.5 प्रतिशत लाइन लॉस था, लेकिन वर्तमान समय में यह मात्र 24 प्रतिशत रह गया है।जिन कंज्यूमर्स घर नेम प्लेट खाली है, वह अपने एरिया के एसडीओ से मिलें और रिकार्ड दिखाकर नाम लिखवा लें। बिना नेम प्लेट के कंज्यूमर्स को प्रॉब्लम आ सकती है।
आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम