खुले निगम का पिटारा, तो हो वारा न्यारा
- 21 सितंबर को 18 कामों का पड़ा था टेंडर, टेंडर बाक्स न खुलने से रूके हैं काम
- एक माह बाद हो गए अभी तक नहीं खुला टेंडर बॉक्सGORAKHPUR: नगर निगम का काम कागज में तो बहुत तेज होता है, लेकिन हकीकत में उसकी चाल कछुए से भी सुस्त है। शासन और पब्लिक को दिखाने के लिए वह कागजी टेंडर तो निकाल देते हैं, लेकिन बाद टेंडर दब जाता है। टेंडर डालने के बाद ठेकेदार, पार्षद और पब्लिक काम कराने के लिए घूमती रहती है, लेकिन सिवाए कोरे आश्वासनों के उन्हें कुछ नहीं मिलता। एक बार फिर नगर निगम सेम प्रॉब्लम को लेकर चर्चा में है। 21 सितंबर को नगर निगम ने शहर के 18 नालों का निर्माण कराने के लिए टेंडर निकाला। ठेकेदारों ने टेंडर प्रॉसेस कंप्लीट कर इसके लिए अप्लाई भी कर दिया। लेकिन करीब एक माह होने जा रहा है अभी तक टेंडर नहीं खुल पाया है। इसकी वजह से सारे नालों का निर्माण कार्य पेंडिंग पड़ा हुआ है।
21 सितंबर को पड़ा था टेंडरनगर निगम ने लंबे समय बाद 18 कामों का टेंडर निकाला। यह सारे काम 13वें वित्त आयोग के थे और इसमें नाला निर्माण कराया जाना था। कई ऐसे नाले हैं, जिसका निर्माण न होने से बारिश के दौरान इन एरिया में जल जमाव की हालत बन जाती है। काफी हंगामे के बाद इन सारे कामों का टेंडर निकाला गया, लेकिन इसके बाद भी पब्लिक को राहत नहीं मिल सकी। इसमें सबसे प्रमुख नाला वार्ड नं। 23, 32, 38, 39 और वार्ड नं 48 का नाला निर्माण था।
जिला प्रशासन के अधिकारी चुनाव कराने में व्यस्त हैं, जिसके कारण समय नहीं मिल पा रहा है। जिससे टेंडर खुलने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। जल्द ही टेंडर खोल दिया जाएगा। एसके केसरी, चीफ इंजीनियर, नगर निगम