अफवाहों से बचने के लिए एप का सहारा
- भूकंप के झटकों से लोगों को उबारने के लिए प्ले स्टोर पर एप की भरमार
- भूकंप का वक्त, लोकेशन के साथ ही रेक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता भी बताती है एपद्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : जलजले के अहसास ने लोगों को इस कदर खौफजदा कर दिया कि अब तक उनकी रातें सुकून के साथ नहीं गुजरती हैं। अब तक सिर्फ बड़े-बुजुर्गो या कहानियों में सुनने वाली चीजें जब आखों के सामने से होकर गुजरी तो उनके दिलों में ऐसा डर पैदा कर गई कि अब तो सोते-जागते हल्की सी आहट भी उनके दिल की धड़कनों को बढ़ा दे रही है। जलजले ने गोरखपुराइट्स को 25, 26 अप्रैल और 12 मई को परेशान किया, लेकिन उसका खौफ अभी तक उनके दिलों में के बसा हुआ है। कहीं पर भी भूकंप की इंफॉर्मेशन मिलते ही उन्हें अपने आस-पास भी भूकंप सी कंडीशन महसूस होने लगती है। ऐसे तमाम लोगों के लिए ही गूगल प्ले स्टोर पर अर्थक्वेक स्पेशल एप की भरमार है। इसकी हेल्प से वह न सिर्फ दुनिया भर में आए अर्थक्वेक का स्टेटस जान सकते हैं, बल्कि रेक्टर स्केल पर उसकी क्या तीव्रता है, उससे कौन-कौन एरिया अफेक्टेड हो सकते हैं, इसके बारे में भी इंफॉर्मेशन मिल जाएगी।
मल्टीपल सोर्सेज के थ्रू कलेक्ट होती है इंफॉर्मेशनवेब वर्ल्ड में मौजूद इन एप्स में पूरी दुनिया में आए भूकंप की इंफॉर्मेशन अवेलबल रहती है। इसके लिए एप डेवलपर्स अपने सोर्सेज के अकॉर्डिग इंफॉर्मेशन कलेक्ट करते हैं। इसमें कुछ एप्स को सिंगल डाटा सोर्स के लिंक कर डिजाइन किया गया है, वहीं कुछ एप्स मे मल्टीपल डाटा सोर्स एड है, जिससे उनकी इंफॉर्मेशन और भी ज्यादा ऑथेंटिक हो जाती है। प्ले स्टोर पर मौजूद अर्थक्वेक्स एप की बात करें तो इसमें 17 डाटा सोर्सेज का यूज कर एप डिजाइन की गई है, वहीं अर्थक्वेक अलर्ट एप में सिंगल डाटा सोर्स का यूज किया गया है।
फिल्टर ऑप्शन भी अवेलबल इन एप्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें फिल्टर ऑप्शन भी अवेलबल है। इसकी वजह से रेक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता, दुनिया में किसी भी स्पेसिफिक लोकेशन, डेट, टाइम सभी के अकॉर्डिग फिल्टर कर इंफॉर्मेशन हासिल की जा सकती है। वहीं इसमें से कई एप्स में भूकंप अफेक्टेड एरियाज को मैप्स के थ्रू हाइलाइट कर इंफॉर्मेशन मिलती है। वहीं लेटेस्ट न्यूज एंड अपडेट भी अवेलबल रहती है। नेपाल अर्थक्वेक रेस्क्यु के लिए भी एपनेपाल में आए भीषण भूकंप में बचे लोगों के लिए भी स्पेशल एप डिजाइन की गई है। इसमें वालंटियर्स ने खुद एप डिजाइन की है, जिससे जरूरतमंदों की हेल्प की जा सके। इसमें हॉस्पिटल, पुलिस, वॉटर, शेल्टर के साथ ही ब्लड, फूड, क्लॉथ, वालंटियर्स, ट्रैवेल्स की लिस्ट भी अवेलबल है। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा बनने की चाह रखने वाले लोगों के लिए इसमें इंफॉर्मेशन अपडेशन की भी फैसिलिटी मौजूद है। इसमें वह आसपास के एरियाज में अवेलबल इंफॉर्मेशन, रेस्क्यू कैंप और उससे जुड़ी सभी इंफॉर्मेशन अपडेट की जा सकती है।
यह हैं एप सोर्स - यूएस जियोलॉजिकल सर्वे, ईयू मेडिटेरेनियन अर्थक्वेक सेंटर, जर पोस्ट डैम अर्थक्वेक सेंटर, ताइवान सेंट्रल वेदर ब्यूरो, जापान मेट्रोलॉजिक एजेंसी, इटली जियोफिजिक्स इंस्टीट्यूट, चाइना अर्थक्वेक सेंटर, इरानियन सिस्मोलॉजिकल सेंटर, तुर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी सेंटर, ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे, चिलि अर्थक्वेक सेंटर, नेचुरल रिर्सोस कनाडा, जियो साइंस ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड अर्थक्वेक कमीशन, फिलिपिन इंस्टीट्यूट ऑफ वोलकेनोलॉजी एंड सिस्मोलॉजी, रोमानियन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ फिजिक्स, कोस्टा रिका द नेशनल यूनिवर्सिटी