हिली धरती, कांपे लोग, दहशत में बीते पांच घंटे
- गोरखपुर में 11.40 और 12.10 पर महसूस हुए भूकंप के झटके
- 3 लोगों की मौत और करीब डेढ़ दर्जन लोग घायल - स्कूल की छत गिरी, कई दीवारें दरकीं तो वहीं छज्जे भी टूटे GORAKHPUR : आंखों से निकलती आसुओं की धार, चीखते-चिल्लाते लोगों का हुजूम, घरों से बाहर निकलकर मैदानों में पनाह लेते लोग और लोगों के माथे पर शिकन, सैटर्डे मार्निग यह नजारा था गोरखपुर का, जहां करीब क्क्.ब्0 पर आए जलजले ने दहशत का माहौल बना दिया। चारों तरफ सिर्फ चीख-पुकार का आलम था। क्क्.ब्0 के बाद करीब पांच बजे तक गोरखपुराइट्स दहशत में थे और सिर्फ घड़ी और मोबाइल देखकर वक्त बिता रहे थे। दिलों में डर बसाए भ् घंटों के लंबे इंतजार के बाद वह अपने घरों को वापस हुए। दहशत के इन पांच घंटों में फ् लोगों की मौत हुई है और करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं।सुबह क्क्.ब्0 पर लगा पहला झटका
रोजमर्रा की तरह गोरखपुराइट्स सैटर्डे को भी अपने काम में बिजी थे। सुबह करीब क्क्.ब्0 पर जमीन में थोड़ी हरकत होने लगी और सभी सामान हिलते हुए दिखे। अभी किसी को कुछ समझ में आता कि इस बीच स्पीड और बढ़ गई। घर, ऑफिसेज, शॉप्स जो जहां बैठा था, वहां से वह बाहर मैदान की ओर भागा। इस बीच फिर करीब क्ख्.क्0 के आस-पास दोबारा झटका आना शुरू हो गया। आनन-फानन में लोग अपने घरों को छोड़कर पास के पार्क और खाली प्लेसेज को ढूंढकर वहां पहुंच गए।
नेपाल रहा सेंटर प्वाइंट भूकंप का सेंटर प्वाइंट गोरखपुर बॉर्डर से सटा पड़ोसी मुल्क नेपाल रहा। लखनऊ स्थित इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया कि रेक्टर स्केल पर पहली बार आए भूकंप की तीव्रता 7.भ् जबकि दूसरे के म्.म् मापी गई है। इसकी वजह से नेपाल में तो भारी तबाही हुई है। नेपाल में भूकंप के करीब क्7 झटके महसूस किए गए। वहीं गोरखपुर में यह बड़े पैमाने पर तो नहीं, लेकिन थोड़ा बहुत असर देखने को मिला है। गोरखपुर में जहां कई पुरानी इमारतों की दीवारें ढह गई, वहीं कई घरों में दरार भी पड़ गई। इस दौरान एक स्कूल की भी दीवार गिरने से करीब आधा दर्जन से ज्यादा बच्चे चोटिल हुए हैं। इसमें बड़े पैमाने पर जान-व-माल का नुकसान नहीं हुआ है। दहशत में गुजरा हर एक पलभूकंप आने के बाद से करीब ब्.फ्0 बजे तक गोरखपुराइट्स पल-पल दहशत में नजर आए। पहला झटका लगते ही लोगों ने बाहर मैदान की राह पकड़ी। दूसरा झटका आते ही उनकी टेंशन और बढ़ गई, जिसके बाद उनका हर पल दहशत में गुजरा। गोलघर स्थित जायका रेस्टोरेंट ओनर मोहम्मद इरशाद ने बताया कि उन्होंने फौरन ही अपनी दुकान बंद कर दी और घर की ओर भागे। आनन-फानन में सभी स्कूल बंद हो गए और लोग ऑफिसेज, दुकान को छोड़कर अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे।
मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त, परेशान रहे गोरखपुराइट्स कई सालों बाद इनती ज्यादा तीव्रता के भूकंप ने लोगों को हिलाकर रख दिया। इस मुश्किल की घड़ी में भी हमेशा साथ रहने वाले मोबाइल नेटवर्क्स ने भी उनका साथ नहीं निभाया। भूकंप का पहला झटका आने के बाद ही मोबाइल नेटवर्क फुल होने के बाद भी कोई कॉल कनेक्ट नहीं हो सकी। इससे अपनों का हाल लेने के लिए लोग परेशान रहे। इस दौरान कभी कॉल गलती से कनेक्ट भी हो रही तो या तो आवाज नहीं आ रही थी या फिर कॉल फेल्ड हो जा रही थी। सोशल मीडिया पर चलती रहीं अपडेट्सभूकंप के झटकों से जहां मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था, वहीं इंटरनेट ने साथ निभाना नहीं छोड़ा। इसकी वजह से फेसबुक, ट्विटर के साथ वाट्सएप मैसेंजर्स पर लगातार अपडेट्स का सिलसिला चलता रहा। इससे जहां लोगों को अपनों की लाइव तस्वीरें देखकर राहत मिली, वहीं आस-पास क्या नुकसान हुआ है और भूकंप आने के बाद क्या नजारा था, यह भी देखने को मिला। सोशल मीडिया पर जहां अपडेट्स चलती रहीं और कुछ शरारती लोगों ने इस पर अफवाहों का बाजार गर्म करने की भी कोशिश की और दोबारा झटके आने की फेक सूचना भी दे डाली।
रेक्टर स्केल असर 0 से क्.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चल सकता है ख् से ख्.9 हल्का कंपन फ् से फ्.9 हेवी व्हीकल बगल से गुजरने जैसा असर ब् से ब्.9 खिड़कियों के शीशे टूट सकते हैं भ् से भ्.9 फर्नीचर हिलते दिखाई देंगे म् से म्.9 नींव दरक सकती है और ऊंची मंजिल को नुकसान 7 से 7.9 इमारतें गिर सकती हैं 8 से 8.9 इमारतों के साथ बड़ी पुल भी गिर सकते हैं 9 से 9 प्लस मैदान में रहने पर लहराते दिखेगी धरती