टू व्हीलर व फोर व्हीलर का डीएल एक बार में नहीं
- दोनों का अलग-अलग पास करना होगा एग्जाम, तब मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस
- प्रदेश में बढ़ती एक्सीडेंट की घटनाओं को देखते हुए शासन ने लिया फैसला GORAKHPUR: अब आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए और मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। क्योंकि अब दो पहिया और चार पहिया के लाइसेंस के लिए आपको अलग- अलग आवेदन करना होगा। लर्निग हो या फिर परमानेंट, दोनों ही लाइसेंस के अभ्यर्थियों को अलग-अलग फॉर्म तो भरने ही होंगे, साथ ही दो बार एग्जाम भी पास करना होगा। इससे एक ही बार में दो पहिया और चार पहिया का लाइसेंस पाना अब लोगों के लिए आसान नहीं होगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने निर्देश जारी किया है। यह व्यवस्था 15 अप्रैल से गोरखपुर सहित पूरे प्रदेश में लागू भी कर दी जाएगी। पर्याप्त ट्रेनिंग नहींरोडवेज के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में एक्सीडेंट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। विभाग का मानना है कि ड्राइविंग की पर्याप्त ट्रेनिंग न होने की वजह से घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इसे देखते शासन ने यह फैसला लिया है कि इस व्यवस्था को प्रयोग के तौर पर एक महीने के लिए लागू किया जाएगा। अगर इसमें सबकुछ ठीक रहा तो इसे परमानेंट तौर पर लागू कर दिया जाएगा।
लोगआम तौर पर लोगों का सोचना रहता है एक ही बार में टू व्हीलर और फोर व्हीलर का लाइसेंस बनवा लिया जाए। ऐसे लोग चार पहिया लाइसेंस तो ले लेते हैं, लेकिन इनके पास दक्षता नहीं होती है। ऐसे में यह लोग दुर्घटना कर बैठते हैं। इसको रोकने के लिए ही यह प्रयोग शुरू किया जा रहा है। विभाग की सोच है कि अब चार पहिया का लाइसेंस बनवाने के लिए दूसरी बार वही लोग आरटीओ आएंगे, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत होगी।
------------- ऐसे लोग भी चार पहिया वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर देते हैं, जिन्हें उसकी जरूरत नहीं होती। प्रदेश में चार पहिया गाडि़यों की तुलना में दो पहिया गाडि़यों की बिक्री अधिक होती है, जबकि चार पहिया लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या दो पहिया लाइसेंस बनवाने वालों से अधिक है। इसी देखते हुए यह फैसला लिया गया है। - के रविंद्र नायक- ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, यूपी