डॉग्स बेस्ट इमोशनल सपोर्टर, गोरखपुर में जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर सर्वाधिक
गोरखपुर (ब्यूरो)। परिवार भी इनकी देखभाल सदस्य के रूप में ही कर रहा है। इंटरनेशनल डॉग डे पर उनको याद करना इसलिए जरूरी है कि हर साल डॉग्स को भेदभाव, क्रूरता और कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन मुद्दों के बारे में अवेयरनेस पैदा करने और उन्हें रोकने के उपाय सुझाया जाना जरूरी है। नगर निगम और विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक गोरखपुर में हर तीसरे घर में पेट डॉग है। नगर निगम में सभी के रजिस्ट्रेशन न कराने से इनकी संख्या का अनुमान नहीं हो पाता है। भरोसेमंद और वफादार हैं डॉग
बिलंदपुर निवासी मृगेंद्र सिंह ने बताया, करीब 40 सालों से डाबरमैन, लेब्राडोर डॉग घर पर है। पत्नी घर पर अकेली रहती है तो डॉग के रहने से सुरक्षा की चिंता नहीं रहती है। ये भरोसेमंद के साथ वफादार होते हैं। घर में डॉग रहने पर कोई भी चुपचाप नहीं घुस सकता है। तनाव दूर करने में सहायक
रुस्तमपुर के बृजेश कुमार ने बताया, अगर आप तनाव में हैं और किसी बात की चिंता परेशान कर रही है तो अपने डॉग के साथ कुछ वक्त गुजारें। उसे प्यार करें, उसके साथ खेलें। वो आपके साथ भरपूर वक्त गुजारेंगे और आपका स्ट्रेस दूर हो जाएगा। सालों से लेब्राडोर डॉग घर पर है। अब उसके बिना रहना अच्छा नहीं लगता है। नगर निगम में 76 रजिस्ट्रेशननगर निगम में इस साल 76 लोगों ने रजिस्टे्रशन कराया है। इसमें जर्मन शेफर्ड 29, लेब्राडोर 28, डाबरमैन 5, देसी डॉग 4 हैं। इसके अलावा अन्य नस्ल के भी हैं। निगम रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपए फीस लेता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी काफी सरल होने से लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है। नगर निगम का कहना है कि इसके बाद भी काफी कम लोग रजिस्ट्रेशन कराते हैं। सख्ती न होने से लोग बेपरवाह होते हैं। पिछले साल 300 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें भी जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, डाबरमैन की संख्या अधिक थी। अडॉप्ट करें डॉगविशेषज्ञों का मानना है कि इंटरनेशनल डाग डे का उदेश्य लोगों को घर में डॉग को अडॉप्ट करने के लिए मोटिवेट करना है। यही नहीं, लोगों को पेट शॉप से डॉग खरीदने की बजाए उन्हें अडाप्ट करने के लिए भी सलाह दी जाती है। घर में इसलिए रखें डॉग
डॉग अपने मालिक और परिवार के बेस्ट इमोशनल सर्पोटर होता है। डॉग अपने वफादारी के साथ के लिए जाने जाते हैं। डॉग में एक विशेष प्रतिभा होती है कि वो अपने मालिक के इमोशन को भांप सकता है। मसलन, दुखी होने, खुश होने, टेंशन आदि होने पर वह महसूस करता है और मालिक को रिलैक्स और कंफर्ट करने के लिए प्रयास करता है। यही नहीं, जब आप अकेले होते हैं तो एक जिम्मेदार परिवार के सदस्य की तरह आपका ख्याल रखने का प्रयास करता है। डॉग समाज में काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इनके होने से सुरक्षा का आभास होता है। पेट डॉग्स से खुद और परिवार को लोग सुरक्षित महसूस करते हैं। नगर निगम कार्यकारिणी में इनकी बेहतरी के लिए एक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। - गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त