एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जेब ढीली हो रही है. एम्स में तो इलाज हो जा रहा है लेकिन दवा के नाम पर मरीजों को मेडिकल स्टोर पर जाना पड़ रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।अमृत फार्मेसी पर दवाएं नहीं के बराबर मिल रही हैं, जिसका फायदा एम्स के कुछ डॉक्टर उठा रहे हैं। केस 1 बाराबंकी निवासी मो। अकील ने एम्स में दिखाया, जहां पर चार दवाएं डॉक्टर ने लिखीं। इनमें एक दवा तो अमृत फार्मेसी पर मिल गई, लेकिन तीन दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोर से लेनी पड़ीं। इसके एवज में उन्हें 10 दिन की दवा के लिए 3959 रुपए खर्च करने पड़े। केस 2 परसिया तारा के कृष्ण देव ने एम्स में दिखाया। डॉक्टर ने आठ ब्रांडेड दवाएं लिखीं। तीमारदार जब अमृत फार्मेसी पहुंचे तो उन्हें केवल दो दवाएं मिलीं। अन्य छह दवाओं के लिए उन्हें बाहर मेडिकल स्टोर पर जाना पड़ा। 10 दिन की दवा के लिए 9720 रुपए खर्च करने पड़े। केस 3


देवरिया के जय प्रकाश सिंह ने एम्स के एक विभाग में दिखाया। डॉक्टर ने जांच कराते हुए आठ दवाएं 10 दिन की लिखीं। इसमें से एक भी दवा फार्मेसी पर नहीं मिली। इस पर वह डॉक्टर के पास आए तो उन्हें एम्स के पास स्थित मेडिकल स्टोर पर जाने की सलाह दी गई। जहां पर उन्हें 5635 रुपए खर्च करने पड़े।

एम्स में बाहर से दवा मांगने के यह केस बानगी भर हैं। अमृत फार्मेसी पर दवाएं नहीं के बराबर मिल रही हैं, जिसका फायदा एम्स के कुछ डॉक्टर उठा रहे हैं। 2000 की डेली ओपीडी जानकारी के मुताबिक एम्स में इस वक्त करीब दो हजार से 2200 के बीच ओपीडी है। छोटी सर्जरी के साथ अब कुछ विभागों में बड़ी सर्जरी की शुरुआत भी हो चुकी है। इनमें ब्रेस्ट कैंसर, जनरल सर्जरी शामिल है। सर्जरी को देखते हुए इमरजेंसी में 30 बेड लगाए गए हैं। इन सबके बीच एम्स में मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। अमृत फार्मेसी पर 50 से 60 फीसदी दवाएं सस्ती एम्स कैंपस में अमृत फार्मेसी है, लेकिन यहां गिनी-चुनी दवाएं अवेलबल हैं। वह भी ऐसी दवाएं हैं, जो सामान्य मरीजों को दी जाती हैं। महंगी दवाओं के नाम पर मरीजों को बाहर भेज दिया जा रहा है। जबकि अमृत फार्मेसी में 50 से 60 फीसदी सस्ती दवाएं मिलती हैं। इसका लाभ एम्स के मरीजों को नहीं मिल रहा है। सेट है मेडिकल स्टोर, कहीं और नहीं मिलेंगी दवाएं

आरोप है कि एम्स के गिने-चुने डॉक्टर दवाओं के इस खेल में शामिल हैं, जो मेडिकल स्टोर को सेट किए हुए हैं। वह ऐसी दवाएं लिख रहे हैं, जो केवल उसी मेडिकल स्टोर पर ही मिल रही हैं। अन्य मेडिकल स्टोर जाने पर मरीजों के हाथ निराशा लग रही है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे दवाओं के कमीशन का बड़ा खेल हैं। इसमें कुछ डॉक्टर शामिल हैं, जो महंगी दवाएं लिखकर मरीजों का शोषण कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उसी कंपोजिशन में चाहे तो सस्ती दवाएं भी डॉक्टर लिख सकते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। अमृत फार्मेसी में कुछ दवाएं न मिलने की जानकारी हुई है, लेकिन डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं, इस तरह की कोई भी शिकायत एम्स प्रशासन को नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पंकज श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी, एम्स

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