- धान के बाद आलू को न हो नुकसान, डीएम ने की तैयारी

- फसल को बचाने के लिए किसानों को किया अवेयर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : ला एंड ऑर्डर को मेंटेन करने और पब्लिक की प्रॉब्लम को सॉल्व करने के साथ डीएम साहब को अब आलू की टेंशन सता रही है। धान की फसल खराब होने के बाद गेहूं की फसल पर भी इफेक्ट पड़ रहा है, मगर आलू को नुकसान न पहुंचे इसके लिए डीएम ने किसानों को अलर्ट करने के साथ तैयारी भी शुरू कर दी है। ट्यूज्डे को डीएम रंजन कुमार ने एक मीटिंग कर आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए प्लान बनाया और किसानों को उपाय भी बताया क्योंकि बदलीयुक्त, बूंदाबांदी और नम वातावरण में झुलसा रोग तेजी से फैलता है।

केमिकल का छिड़काव बचाएगा आलू को

जिलाधिकारी रंजन कुमार ने बताया कि जिले में आलू की फसल अच्छी हो, इसके लिए किसान खेत में दिन-रात मेहनत करने के साथ कुछ सावधानी का भी ख्याल रखें। डीएम ने कहा कि आलू के उत्पादन को बढ़ाने के लिए छिड़काव के बारे में ध्यान रखना चाहिए। आलू की फसल को अगेती और पिछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए जिंक मैगनीज कार्बामेट 2.0 से 2.5 किलोग्राम को 800 से 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव 30 से 45 दिन के अंदर जरूर कर दें। 10 से 15 दिन के अंतराल पर दूसरा छिड़काव कॉपर आक्सीक्लोराइड 2.5 से 3 किलोग्राम का छिड़काव करें। इससे आलू की फसल झुलसा रोग के साथ कई कीटों के अटैक से भी बच जाएगी। उन्होंने बताया कि नमी या बूंदाबांदी में आलू की फसल को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस टाइम जहां झुलसा रोग तेजी से लगता है वहीं कीट भी फसल को तेजी से नुकसान पहुंचाते हैं।

Posted By: Inextlive