120 गांव में अभी से बाढ़ अलर्ट
-प्रशासन ने चिन्हित कर शुरू किया ट्रेनिंग प्रोग्राम
-प्रधान की अध्यक्षता में बनेगी समिति, दिए जाएंगे उपकरण GORAKHPUR: ठंड शुरू हो चुकी है। मगर प्रशासन को अभी भी बाढ़ की टेंशन सता रही है। हर साल आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने इस साल अभी से तैयारी शुरू कर दी है। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के निर्देश पर प्रशासन ने गोरखपुर में क्ख्0 गांव अतिसंवेदनशील चिन्हित किया है। इन गांव में क्फ्वें वित्त आयोग की ओर से 'कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम' के तहत तीन दिवसीय प्राशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें ट्रेनिंग के साथ प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम आपदा प्रबंध समिति भी बनाई जाएगी, जो बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन के साथ मुस्तैद रहेगी। प्रैक्टिकल के साथ ऑडियो-विजुअली दी जाएगी ट्रेनिंगइन गांव में ट्रेनिंग प्रोग्राम को कई तरह से आयोजित किया जाएगा। जिससे सभी लोग ट्रेंड हो सकें। ट्रेनिंग राजस्व विभाग की देखरेख में किया जाएगा। इसमें एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन दल) के सदस्य बाढ़ से निपटने की ट्रेनिंग देंगे। जबकि स्थानीय संस्था पहला कदम गोरखपुर एलसीडी के जरिए लोगों को आपदा से निपटने के प्रति अवेयर करेंगे। प्रशिक्षण के बाद बनी ग्राम आपदा प्रबंध समिति को राज्य सरकार की ओर से आने वाली राहत एवं कार्य से बचाव संबंधी उपकरण दिए जाएंगे। साथ ही जिले स्तर पर एक सूचना केंद्र विकसित किया जाएगा। जिसमें सभी समिति और कार्यदल के कॉर्डिनेटर का मोबाइल नंबर रखा जाएगा। जिससे जरूरत पड़ने पर वे तुरंत पहुंच सके। संडे को एसडीएम गोला और तहसीलदार ने बाघा गांव में प्रधान के साथ डिस्कशन किया और ट्रेनिंग का जायजा लिया।
वर्जन- गोरखपुर में क्ख्0 गांव अतिसंवेदनशील चिन्हित किए गए है। फर्स्ट फेज में म्ब् गांव में ट्रेनिंग दी जा रही है। सेकेंड फेज में भ्8 गांव में ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रोग्राम का उद्देश्य गोरखपुर में बाढ़ से होने वाले कहर को रोकना है। लोगों को बाढ़ से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है। गौतम गुप्ता, परियोजना प्रबंधक, जिला आपदा राहत केंद्र -------- फर्स्ट फेज में म्ब् गांव में होगी ट्रेनिंग तहसील - गांव (संख्या) गोला - 09 बांसगांव - 09 खजनी - 09 सहजनवां - क्0 चौरीचौरा - 08 कैंपियरगंज - 09सदर - क्0
---------- इन प्वाइंट पर दी जाएगी ट्रेनिंग -घरेलू संसाधन से बाढ़ के दौरान जीवन रक्षक जैकेट का निर्माण -अस्थाई प्राथमिक चिकित्सा -अस्थाई शुद्ध पेयजल -अस्थाई स्वच्छता -अस्थाई शरणस्थल