खबरदार, यहां हर शख्स है बीमार
-99 फीसदी लोग किसी न किसी बीमारी की ले रहे हैं दवा
- एनुअल हेल्थ सर्वे में हुआ खुलासा, साल-दर-साल बढ़ रहा है आंकड़ा GORAKHPUR: गोरखपुराइट्स इन दिनों बीमार हैं। ऐसा हम नहीं, एनुअल हेल्थ सर्वे के आंकड़े कह रहे हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक इन दिनों गोरखपुर में 99 फीसदी लोग किसी न किसी बीमारी की दवा ले रहे हैं। इतना ही नहीं सेंसस की ओर से जारी किए गए डेटा में रूरल और अर्बन दोनों ही एरियाज में पेशेंट्स के आंकड़े करीब-करीब बराबर हैं। यानीजितना बीमार शहरी लोग हैं, उतने बीमार गांव और देहात के भी। कहीं न कहीं करा रहे हैं इलाजएनुअल हेल्थ सर्वे में यह सामने आया है कि गोरखपुराइट्स चाहे बच्चे हों, जवान हों या फिर बुजुर्ग, सभी बीमार हैं। वह चाहे रूरल एरियाज के रहने वाले हों या फिर अर्बन एरियाज के, मेल हों या फीमेल सभी किसी न किसी बीमारी की जद में हैं। यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ भी रहा है। 2010-11 के सर्वे में जहां 97.4 फीसदी लोग बीमार थे, वहीं 2011-12 में यह आंकड़ा 96.9 फीसदी पहुंच गया। 2012-13 की रिपोर्ट में यह आंकड़ा फिर बढ़ गया और करीब 99.6 फीसदी लोग बीमारी की चपेट में पाए गए।
हर साल बढ़ रहे मरीजसाल बीमार
2010-11 97.4 फीसदी 2011-12 96.9 फीसदी 2012-13 99्6 फीसदी यह है परसेंटज टोटल - 97.4 रूरल एरिया - 97.1 अर्बन एरिया - 98.4 इनमें हुआ सुधार डायरिया 2010-11 2011-12 2012-13 टोटल - 610 1352 1214 रूरल - 732 1260 1135 अर्बन - 271 1597 1386 एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन 2010-11 2011-12 2012-13 टोटल - 7506 4845 3685 रूरल - 7265 4713 3687 अर्बन - 8180 5195 3682 फीवर 2010-11 2011-12 2012-13टोटल - 1772 1922 1371
रूरल - 1886 2204 1596 अर्बन - 1454 1174 0883 एक्यूट इलनेस 2010-11 2011-12 2012-13 टोटल - 11106 8463 6440 रूरल - 11506 8545 6629 अर्बन - 09989 8247 6038 (यह आंकड़े प्रति 10 लाख हैं) - 80 फीसदी बीमारियां दिमाग जनित होती हैं। - 8 परसेंट वातावरण के हिसाब से - 12 परसेंट बीमारियां हमारे रूटीन में डिस्टर्बेस की वजह से होती हैं। मानसिक तनाव की वजह से - अनिद्रा - अवसाद - ब्लड प्रेशर - शुगर इंफेक्शन से होने वाली बीमारियां - टायफाइड - मलेरिया - कालाजार - टीबी - टिटनेस - डिप्थीरिया - खांसी - जुकाम - बुखारएक्सपर्ट सेज
इस मामले में आई नेक्स्ट ने एक्सपर्ट डॉक्टर संदीप श्रीवास्तव से बात की। उनके मुताबिक, इन बीमारियों से इस तरह से दूर रह सकते हैं -12 परसेंट बीमारियों की वजह डेली रूटीन और हैबिट है। इसे मेन्टेन कर बीमारियों से बचा जा सकता है। अगर लोग सिर्फ मानसिक रूप से बीमार हो जाएं तो बीमार ही नहीं पड़ेंगे। -प्रॉपर मेडिटेशन और डॉक्टर्स की सलाह से बीमारियों से बचा जा सकता है। यह बीमारियां कम समय के लिए होती हैं और जल्दी ठीक हो जाती हैं। -पॉजिटिव थिंकिंग रखनी चाहिए। इससे किसी तरह की बीमारी हमें जकड़ नहीं पाएगी और हम फिट रह सकते हैं।