- प्रेस से मिलिए प्रोग्राम में बोले डीआईजी

- रिकॉ‌र्ड्स की कमी से बढ़ते जा रहे भूमि विवाद

GORAKHPUR: सिस्टम की खामियों का फायदा पुलिस उठाती है। प्रॉपर्टी के मामलों में रिकॉ‌र्ड्स के दुरुस्त न होने की कमी से पुलिस कर्मचारी मनमानी करते हैं। भूमि से संबंधित विवाद को यदि ऑनलाइन कर दिया जाए तो प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। यह कहना है गोरखपुर रेंज के डीआईजी डॉ। संजीव कुमार का। ट्यूज्डे को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए प्रोग्राम में उन्होंने तमाम मुद्दों पर बेबाकी से चर्चा की। मेडिकल पेशे को छोड़कर भारतीय पुलिस सेवा में आए डीआईजी ने माना कि पुलिस में सुधार के लिए बड़े ऑपरेशन की जरूरत है, क्योंकि यहां किसी मामले में हर स्तर से अलग-अलग जानकारी दी जाती है। इसके बीच से फाइनली सही और गलत का फैसला करना होता है। इसलिए व्यवस्था को सुधारने के लिए हिम्मत तो दिखानी पड़ेगी। जनता को सच बताने के लिए मीडिया को बढ़ चढ़कर भागीदारी निभानी पड़ेगी।

समाज की संरचना के अनुसार है क्राइम का ट्रेंड

पूर्वाचल में खासकर गोरखपुर में क्राइम के ट्रेंड को लेकर चर्चा की। डीआईजी ने कहा कि सामाजिक व्यवस्था पर अपराध की प्रवृति निर्भर करती है। यहां पर प्रॉपर्टी का विवाद जहां ज्यादा हैं, वहीं मान सम्मान के लिए बेवजह झगड़े होते हैं। भूमि विवाद अनियंत्रित होते जा रहे हैं, क्योंकि यहां पर किसी प्रॉपर्टी का कोई ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं। चकबंदी की प्रक्रिया में विलंब, पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी के विवाद बढ़ रहे हैं। भूमि के मामले में सिस्टम की खामियों का फायदा पुलिस को मिल रहा है। भूमि के रिका‌र्ड्स दुरुस्त रखने, ऑनलाइन करने, वसीयत सहित अन्य दस्तावेजों को ठीक करने से आधे से ज्यादा विवाद कम हो जाएंगे।

गोरखपुर में भी शुरू होगा पावर इंजिन

डीआईजी ने कहा कि महिला अपराधों को रोकने लिए गवर्नमेंट ने पावर इंजिन शुरू करने का निर्देश दिया है। लड़कियों, महिलाओं के साथ होने वाले क्राइम में कई बार शिकायत नहीं होती। वालंटियर्स के रूप में तेज तर्रार लड़कियों की टीम बनाई जाएगी। स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल और टीचर की मदद से चार-पांच लड़कियों की टीम बनाई जाएगी जो छेड़छाड़ जैसे अपराधों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।

थाना स्तर पर सुनवाई में लापरवाही से बढ़ी शिकायतें

डीआईजी ने कहा कि थाना स्तर पर मामलों में सुनवाई नहीं हो रही है। आज भी आम आदमी थानों में, पुलिस अफसरों से मिलने में डरता है। यदि थानों पर ठीक ढंग से कार्रवाई हो तो अफसरों के वहां भीड़ नहीं जमा होगी। कई बार पीडि़त पक्ष की बात सुनने से पता लग जाता है कि थाने पर फरियाद नहीं सुनी गई। गोरखपुर में खोराबार थाना ऐसा है जहां से ज्यादा शिकायतें आती है। प्रोग्राम में प्रेस क्लब की ओर से मोमेंटो देकर डीआईजी को सम्मानित किया गया।

Posted By: Inextlive