एक दिन में डायरिया के चौदह पेशेंट
- गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ती जा रही है डायरिया के पेशेंट्स की संख्या
- संक्रामक अस्पताल में दवाएं खत्म, सिर्फ ग्लूकोज है उपलब्ध GORAKHPUR : एक तो तेज धूप, ऊपर से लू के थपेड़ों ने गोरखपुराइट्स को झुलसा दिया है। जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे संक्रामक अस्पताल में डायरिया के पेशेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि संडे को क्ब् पेशेंट्स इलाज कराने पहुंचे। मई माह में अब तक करीब ख्क्0 पेशेंट्स इलाज को आये हैं। ख्0क्ब् में उल्टी-दस्त और डायरिया से परेशान क्म्क्7 पेशेंट्स इलाज को पहुचे थे। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ नजर आती है। संक्रामक अस्पताल में भी दवाइयों का टोटा है। ऐसे में पेशेंट्स को बेहतर इलाज कैसे मिलेगा, ये एक बड़ा सवाल है। इन एरियाज से आ रहे पेशेंट्समियां बाजार, भरपुरवा, अलीनगर, छोटे काजीपुर, बिलंदपुर, रुस्तमपुर, नखास चौक, इलाहीबाग, रामपुर, तिवारीपुर, बिछिया
यहां भी दवाइयों का टोटाजिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज की तरह संक्रामक अस्पताल में भी दवाओं की कमी है। डायरिया की दवाएं और ओआरएस का घोल खत्म हो गया है। हॉस्पिटल में ग्लूकोज के अलावा कुछ भी नही है। ये हाल तब हैं, जब लगातार डायरिया के पेशेंट्स आ रहे हैं।
इयर पेशेंट्स ख्0क्भ् भ्89 ख्0क्ब् क्म्क्7 दस दिन में 9फ् मरीज डेट पेशेंट क्फ् मई ब् क्ब् मई म् क्भ् मई ब् क्म् मई 7 क्7 मई भ् क्8 मई क्0 क्9 मई 8 ख्0 मई म् ख्क् मई 9 ख्ख् मई क्फ् ख्फ् मई 7 ख्ब् मई क्ब् गर्मी की वजह से डायरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दवाइयां खत्म हो गई हैं, उसके लिए डिमांड भेज दी गई है। डॉ। अरुण कुमार, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम