रुपये दे दो, शक्ल नहीं दिखाऊंगा
GORAKHPUR : नौकरी नहीं मिल रही? या लड़की नहीं मान रही? दुश्मन परेशान करते हैं या कोई और समस्या है? प्रॉब्लम कोई भी हो, स्वयभूं बाबाओं के पास हर समस्या का समाधान है। सिर्फ मोबाइल पर उपलब्ध होने वाले इन बाबाओं को जाने किस बात का डर है कि वे सामने नहीं आना चाहते। पीके ने पल भर में इच्छापूर्ति का दावा करने वाले बाबाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए उनसे फोन पर संपर्क किया। रुपए वसूलने के लिए तो उन्होंने पूरा जोर लगाया, लेकिन पीके की लाख कोशिशों के बावजूद उन्होंने अपनी पहचान नहीं खोली। पीके और बाबाओं के बीच हुआ कनवर्सेशन इस प्रकार है।
बाबा नंबर - क् नाम - बाबा सिकंदर (गृहक्लेश, वशीकरण, मनचाहे प्यार के एक्सपर्ट) रिपोर्टर - बाबा, मैं पीके बोल रहा हूं। मेरे घर में बहुत झगड़े होते हैं।बाबा- सारी समस्या दूर हो जाएगी। बस अपने घर के सदस्यों के नाम बताओ।
रिपोर्टर - बाबा, घर में कुल क्भ् सदस्य हैं, लेकिन आपस में किसी की भी पटती नहीं है। बाबा- देखो इस समस्या का निदान कर देंगे, लेकिन इसके लिए तुम्हें पूजा कराना होगी। रिपोर्टर - बाबा, कैसी पूजा। मैं कराने को तैयार हूं।बाबा- पूजा कराने से पहले तुम्हें मेरे खाते में दस हजार रुपए डालने होंगे।
रिपोर्टर - खाते में रुपए क्यों? बाबा - बाबा के पास और भी ढेर सारे काम हैं इसलिए एकाउंट में रुपए डाल दो। उसके बाद मैं तुम्हें पूजा के लिए उपाय बताउंगा। रिपोर्टर - बाबा, रुपए तो ज्यादा है। बाबा- रूपए ज्यादा लग रहे हैं, मगर तुम्हारे घर में खुशियां भी तो आएंगी। रिपोर्टर- बाबा, रुपए कुछ कम कर लीजिए। मैं मिलकर दे देता हूं। कहां आऊं? (इतना सुनते ही बाबा फोन कट गया.) नोट - रिपोर्टर और बाबा की बात 9777ख्ब् पर बात हुई। बाबा नंबर - ख् नाम - गुरूबाबा (प्रेम विवाह, सौतन, दुश्मन से छुटकारा के लिए स्पेशलिस्ट) रिपोर्टर- बाबा, मैं पीके बोल रहा हूं। मैं एक लड़की से बेहद प्यार करता हूं। बाबा - कब से प्यार कर रहे हो बेटा? रिपोर्टर - बाबा, तीन साल से। बाबा- तुम्हारी समस्या क्या है? रिपोर्टर - मैं उससे शादी करना चाहता हूं, लेकिन उसके पैरेंट्स तैयार नहीं हो रहे हैं। क्या करें? बाबा - परेशान मत हो बच्चा, तुम्हें भ्,000 रुपए की पूजा करानी होगी। रिपोर्टर - लेकिन इतना पैसा क्यों लगेगा? बाबा- अब क्या फ्री में शादी कराओगे?रिपोर्टर - बाबा, आप मेरी समस्या समझ सकते हैं। मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं।
बाबा- तो फिर कहां से तुम अपनी प्रेमिका से शादी कर पाओगे। रिपोर्टर - बाबा, अगर कुछ पैसे कम हो जाते तो अच्छा होता। (इतना कहते ही इन महाशय ने भी फोन कट कर दिया.) वाट्सएप कोट्स इन ढोगियों ने जीना हराम कर दिया है। गोरखपुर वाले इनके जाल में बड़ी आसानी से फंस जाते हैं। इन्हें सुधारने में मैं पीके के साथ हूं। हरिकेश शुक्ला, तारामंडल इस तरह की स्टोरी से अंधविश्वास दूर हो जाएगा और सच्ची आस्था बढ़ेगी। अब्दुला, शास्त्रीनगर पीके समाज का आइना बनकर लोगों को सच दिखा रहा है। आज साइंस ने कितनी तरक्की कर ली है फिर भी हमारा समाज अंधविश्वास में जकड़ा हुआ है। पीके ने समाज को जगाने का प्रयास किया है जो कि सराहनीय कार्य है। आई नेक्स्ट अच्छी भूमिका निभा रहा है। कुंदन प्रजापति, मैनेजर, अमर ग्रामीण जनसेवा समिति, बशारतपुर ढ्ढठ्ठह्यह्लद्गड्डस्त्र श्रद्घ द्दद्बक्द्बठ्ठद्द द्वद्बद्यद्म, द्घह्मह्वद्बह्लह्य द्बठ्ठ ह्लद्गद्वश्चद्यद्ग ख्द्ग ष्ड्डठ्ठ द्दद्बक्द्ग द्बह्ल ह्लश्र श्चश्रश्रह्म श्चद्गश्रश्चद्यद्ग। द्दश्रस्त्र ख्द्बद्यद्य ढ्डद्ग द्वश्रह्मद्ग द्धड्डश्चश्चब्। क्कय X द्ब ठ्ठद्गफ्ह्ल ढ्डद्गह्यह्ल श्रद्घ द्यह्वष्द्म। ख्द्ग ड्डह्मद्ग ख्द्बह्लद्ध ब्श्रह्व। ञ्जख्द्बह्यद्धड्ड, क्चड्डह्यद्धड्डह्मड्डह्लश्चह्वह्मजितना हम लोग मंदिर और चर्च में पैसा दान पात्र में डालते हैं, उतना किसी गरीब को दे दें तो उसका भला हो जाए और शायद इंडिया में कोई गरीब भी ना हो। ऊपरवाला क्या करेगा उस पैसे का।
अमन मसीह, बशारतपुर हमारे देश में रांग नंबर की कमी नहीं। सो राइट नंबर पर जाने के लिए देश के हर इंसान को जागरूक होना पड़ेगा। चंदन मुखर्जी, बीटेक स्टूडेंट पीके के स्टाइल में कहे तो, इ गोला पे लोगन का एक ही बात के ब्-ब् मतलब होते हैं। जैसे की रिंग ही कोई अपनी मर्जी से पहनता है तो कोई किस्मत बदलने के लिए। लेकिन अगर ऐसे ही हर गलत चीज को सही करने निकले, तो पूरी जिदंगी लग जाएगी, क्योंकि ऐसे क्-ख् नहीं बहुत सी चीजें गलत हो रही हैं। जो देखते तो सब हैं, लेकिन क्वेश्चन किया पीके ने। जो सही है। अब लोगों को इसे समझना होगा और गलत सोच को बदलना होगा। ताकि कोई कह न सके कि कौन फिरकी ले रहा है। इ रांग नंबर है। रोजी, पैडलेगंजहमका लागत है इ गोला पर खाली कुछ देसवा में इ अंधविश्वास होत है। अमेरिका में ऐसा नई होत है। तभी तो ऊ तरक्की करत है ना। अरे भाई भगवान के पास कपड़ा की कौनों कमी है का, जौन तू उनका कपड़ा चढ़ावत हो। दूध चढ़ावत हो और दूध तो ऊ पीते ही नही हैं, सब नाली में बहवा देत ह। अरे कौनों गरीब को दो, तब राइट नंबर लगेगा। नाई तो ऊ लूल हो जाएगा।
इमरान, इलाहीबाग