'सौ गुनाहगार बच जाएं, एक बेगुनाह न फंसे का कॉन्सेप्ट पुराना'
- डीजीपी अभियोजन ने सर्किट हाउस में की समीक्षा मीटिंग
- मुल्जिमों को सजा कराओ अभियान में मिली सफलताGORAKHPUR: डीजीपी अभियोजन ने बुधवार को सर्किट हाउस में अपने मातहतों के साथ समीक्षा मीटिंग की। इसमें 'सौ गुनहगार बच जाएं पर एक बेगुनाह न फंसे' बीते जमाने की ये अवधारणा अब बदल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि 'बेगुनाह न फंसे पर कोई गुनाहगार भी न बचे.' डीजीपी अभियोजन सूर्य कुमार शुक्ला ने बुधवार को सर्किट हाउस में हुई समीक्षा मीटिंग के दौरान मातहतों को इस अवधारणा पर काम करने के निर्देश दिए। प्रदेश भर में जुलाई 2015 में अब तक चले मुल्जिमों को सजा कराओ अभियान की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डीजीपी ने इसे आगे बढ़ाने की बात कहीं। कहा कि वर्तमान वर्ष में सजा का प्रतिशत 96 तक पहुंच चुका है। अभियोजन निदेशालय के अफसरों की मौजूदगी में हुई मीटिंग में कहा कि ज्यादा से ज्यादा अपराधी जेल जाएं इसके लिए अभियोजन और पुलिस, प्रशासनिक अफसरों को लगकर काम करना होगा।
अदालतों की संख्या बढ़ेगीपत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि अपराधियों को सजा समय से मिले ये ज्यादा जरूरी है। इसके लिए अदालतों की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रदेश भर में 292 फास्ट ट्रैक बढ़ाने का आदेश पास हो चुका है। इसके साथ ही 92 ग्रामीण न्यायालय भी मंजूर हो चुके हैं। इस पर काम चल रहा है। गोरखपुर में भी चार मोबाइल कोर्ट मंजूर हुआ है जिस पर काम चल रहा है। मोबाइल कोर्ट शुरू होने के बाद ग्रामीण इलाकों के छोटे मोटे वादों का जल्द से जल्द निस्तारण हो सकेगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ब्रजेश सिंह, अपर निदेशक अभियोजन भरत भुआल, संयुक्त निदेशक दलजीत सिंह, एसपीओ जेपी पांडेय, एडीएम सिटी वीएन सिंह, एसपी क्राइम, एसपी ट्रैफिक समेत सभी अभियोजन अधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारी आदि मौजूद रहे।
गवाह के बाद जज का होगा सम्मानडीजीपी ने कहा कि ऐसे गवाहों का सम्मान किया जा रहा है जो अपराधियों को गवाही दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। फांसी की सजा दिलाने में गवाही करने वाले गवाहों का लखनऊ में समारोह आयोजित कर सम्मान किया गया। गोरखपुर के पीपीगंज के भी एक गवाह को सम्मानित किया गया था। डीजीपी ने स्थानीय स्तर पर भी गवाहों को सम्मानित करने के निर्देश दिए। कहा कि ऐसे कड़े फैसले देने वाले जजों को भी सम्मानित करने की तैयारी चल रही है। उनकी सूची बना ली गई है। हाइकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद जजों को भी सम्मानित किया जाएगा।
गोरखपुर परिक्षेत्र में हुई कार्रवाई - 1164 अपराधियों को हुई सजा - 3373 की जमानत निरस्त कराई गई। - 487 बलात्कार के आरोपियों को सजा। - 43 पास्को के आरोपियों को सजा।