Gorakhpur News : अब मारपीट करने वाले की भी खुलेगी हिस्ट्रीशीट, बदमाशों, गुंडों पर शिकंजा कसने के लिए डीजीपी ने बनाई नई रणनीति
गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।साथ ही हिस्ट्रीशीट खोलते समय उसके मानक का भी ध्यान जरूर रखा जाए। गोरखपुर में ऐसे बदमाश जो इधर मारपीट की घटना में लिप्त पाए गए हैं। पुलिस उनकी कुंडली खंगाल रही है। अगर इन बदमाशों पर पहले से एक या दो मुकदमा होगा तो उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। इधर दो दिनों में एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने अलग-अलग थानों के 5 शातिर बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली है। जेल में बंद हैं 130 एक्टिव हिस्ट्रीशीटर जिले में कुल 1505 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 135 निष्क्रिय हैं। पुलिस के मुताबिक 1370 हिस्ट्रीशीटर अब भी एक्टिव हैं, इनमें से 130 को पुलिस जेल भेज चुकी है।चौरीचौरा थाने में सर्वाधिक हिस्ट्रीशीटरथाना ---------- हिस्ट्रीशीटर ---- निष्क्रियचौरीचौरा ----------- 102 ----- 12 कोतवाली ----------- 46राजघाट ------------ 49तिवारीपुर ------------ 47कैंट --------------- 28खोराबार ------------- 58 रामगढ़ताल ------------ 20गोरखनाथ ------------- 62 शाहपुर --------------- 47कैंपियरगंज ------------- 53
पीपीगंज --------------- 62सहजनवां -------------- 38गीडा ----------------- 47चिलुआताल -------------- 63झंगहा ----------------- 82 पिपराइच ----------------81गुलरिहा ---------------- 46 बांसगांव ----------------- 73 गगहा ------------------- 79बेलीपार ------------------ 51गोला --------------------- 51बड़हलगंज ----------------- 88उरुवा बाजार ---------------- 40बेलघाट ------------------- 28खजनी -------------------- 75सिकरीगंज ------------------ 48 हरपुर बुदहट ----------------- 39 क्या होती है हिस्ट्रीशीट
बदमाश के आपराधिक इतिहास की फाइल को ही हिस्ट्रीशीट कहते हैं। एक्टिव बदमाशों की निगरानी के लिए हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। बदमाश लगातार अपराध कर रहा हो तो निगरानी के लिए यह व्यवस्था होती है। हर हिस्ट्रीशीटर की निगरानी के लिए एक-एक सिपाही की ड्यूटी लगती है। नियमों के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर को सप्ताह में एक बार थाने या चौकी पर आकर हाजिरी भी देनी होती है।ये रूल पुलिस को करेगी फॉलो-18 साल से कम उम्र की हिस्ट्रीशीट नहीं खोली जाएगी। - शौकिया अपराध करने वालों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए।- जो बदमाश एक्टिव हैं, उन्हीं की हिस्ट्रीशीट खोली जाए।- रंजिश में दर्ज अभियोगों के आधार पर हिस्ट्रीशीट न खोलें।- यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम की कारवाई को हिस्ट्रीशीट खोलने का आधार न बनाएं।- एसएसपी संतुष्ट होने पर हिस्ट्री शीट खोलने की अनुमति दें।- 18 से 21 साल के अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले सीबीसीआइडी से 15 दिनों में रिपोर्ट ली जाए। - हिस्ट्रीशीटरों की सूचना ऑनलाइन भी अवेलबल कराई जाए। ए कैटेगरी की हिस्ट्रीशीटहिस्ट्रीशीटर की कैटेगरी ए में चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं।बी कैटेगरी की हिस्ट्रीशीटबी कैटेगरी की हिस्ट्रीशीट पेशेवर अपराधियों की खोली जाती है।
मारपीट की घटनाओं में लिप्त बदमाशों की कुंडली खंगाली जा रही है। जिनके ऊपर पहले से मुकदमे दर्ज होंगे तो उनकी भी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। जो भी एक्टिव शातिर बदमाश होंगे। उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर