इलाहाबाद कचहरी में संग्राम
-अधिवक्ताओं ने दरोगा को कोर्ट के बाहर पीटा तो गुस्से में आए दरोगा ने की फायरिंग
-गोली लगने से युवा अधिवक्ता की मौत, एक अन्य को गोली लगी, फिर शुरू हुआ पुलिस और वकीलों में गोरिल्ला युद्ध -आग के हवाले किए गए एक दर्जन से अधिक वाहन, बाइकें पलटी गई, दोनों पक्षों में जमकर पथराव -गोली लगने से एक कांस्टेबल भी हुआ बुरी तरह से जख्मी, अधिवक्ताओं पर फायरिंग का आरोप -एसएसपी ऑफिस में घुस कर अधिवक्ताओं ने की तोड़फोड़ -पुलिस ने वकीलों को दौड़ाकर पीटान्रुरुन्॥न्क्चन्ष्ठ: कचहरी में पेशी पर आए दरोगा से जिरह के दौरान उलझना और पीट देना अधिवक्ताओं को महंगा पड़ गया। इससे आपा खो बैठे दरोगा ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से करछना के हर्दी गांव के रहने वाले युवा अधिवक्ता नवी अहमद की कचहरी परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी। एक अन्य अधिवक्ता घायल हो गया। इसके बाद वकीलों ने जमकर उत्पात मचाया। पुलिस और वकीलों के बीच गोरिल्ला युद्ध शुरू हो गया। पथराव, आगजनी, हाथापाई और फायरिंग सब हुआ। इसमें गोली लगने से एक सिपाही घायल हो गया। संग्राम के दौरान एक दर्जन से अधिक गाडि़यां फूंक दी गईं। दर्जनो गाडि़यों के शीशे तोड़ डाले गए। इसमें कई अधिवक्ता, पुलिसवाले और पत्रकार जख्मी हो गए। इसका असर हाई कोर्ट चौराहे पर देखने को मिला। यहां भी दो गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के बाद आरोपी दरोगा भाग निकला। उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। देर शाम तक मुकदमा दर्ज कराने का सिलसिला जारी था। इससे यह एग्जैक्ट पता नहीं चला कि कुल कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं।
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेशी थी दरोगा की बुधवार को नारीबारी चौकी पर तैनात दरोगा शैलेंद्र सिंह किसी मामले में एक आरोपी के साथ पेशी के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोर्ट में जिरह के दौरान दरोगा शैलेन्द्र सिंह की एक अधिवक्ता से बहस हो गई। इस पर दोनों पक्षों में मामला देखा-देखी तक पहुंच गया। कोर्ट की कार्रवाई चलने पर दोनों पक्ष शांत रहे। लेकिन, कोर्ट के लंच के लिए उठते ही शैलेन्द्र को घेर लिया गया। मौके पर बनाई गई वीडियो फुटेज के अनुसार वकीलों ने दरोगा को घेरकर पीटना शुरू कर दिया। कुछ अधिवक्ताओं ने बीच बचाव कर दोनों पक्षों को अलग कराया। कोर्ट से बाहर आने पर बढ़ा विवादकोर्ट की घटना के बाद दरोगा ने मौके से निकल लेने में ही भलाई समझी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोर्ट के बाहर युवा अधिवक्ता नवी अहमद से उनका विवाद हो गया। मामला हाथापाई तक पहुंच गया। यह देखकर कुछ और वकील वहां पहुंच गए। आरोप है कि उन्होंने एक बार फिर दरोगा पर हमला बोला और पिटाई कर दी। इसके बाद दरोगा ने आपा खो दिया। सर्विस रिवाल्वर निकाल ली और नवी अहमद को सीधे गोली मार दी। इससे स्पॉट पर ही उनकी मौत हो गई। अधिवक्ताओं का कहना है कि, इसके बाद दरोगा फायरिंग करते हुए भागे, इससे एक अन्य अधिवक्ता को गोली लग गई। गोलियों की गूंज से डिस्ट्रिक कोर्ट कैंपस में मौजूद अधिवक्ताओं का ध्यान उधर गया और चंद मिनट के भीतर ही बड़ी संख्या में वकील वहां इकट्ठा हो गए।
साथी की बॉडी देखकर भड़के वकीलवकीलों का समूह स्पॉट पर पहुंचा तो सामने साथी की बॉडी पड़ी थी। यह देखते ही वे अपने आप पर काबू नहीं रख सके। यह पता चलने पर कि दरोगा एसएसपी ऑफिस की तरफ गए हैं। हुजूम उधर की ओर बढ़ गया। एसएसपी ऑफिस पहुंचने पर दरोगा शैलेन्द्र नहीं मिले तो वकीलों ने अपना गुस्सा वहां मौजूद वाहनों और सामानों पर उतारा। इसके बाद पुलिसवाले भी एकजुट हो गए। दोनों पक्षों के आमने सामने आ जाने की स्थिति बनी तो माहौल बिगड़ता चला गया। अधिवक्ता सड़क पर आ गए और सड़क किनारे खड़े वाहनों पर हल्ला बोल दिया। सामने दिखे पुलिस वालों पर पथराव शुरू कर दिया। जवाब में सामने से भी पथराव किया गया। वकीलों के गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस ने कभी लाठी चार्ज तो कभी रबर की गोलियां दागीं। इससे पुलिस फायरिंग की अफवाह फैल गई। इसके बाद अधिवक्ताओं की ओर से भी फायरिंग किए जाने का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने दीवार पर चढ़कर फायरिंग की। इस दौरान एक गोली कर्नलगंज थाने में तैनात कांस्टेबल अजय नागर के सीने के पास जा लगी। जिससे अजय वहीं पर गिर पड़े। कवरेज में जुटे मीडिया के लोगों ने अजय नागर को अधिवक्ताओं की भीड़ से निकाला और पुलिस अधिकारियों के पास ले गए। जहां से उन्हें एसआरएन ले जाया गया।
एसएसपी ऑफिस में घुस कर की गई तोड़फोड़अधिवक्ताओं के समूह ने सड़क पर गुस्सा दिखाने के साथ ही एसएसपी ऑफिस में घुस कर भी जमकर उपद्रव मचाया। नारेबाजी और गाली-गलौज करते हुए एसएसपी आफिस में घुसे अधिवक्ताओं ने तोड़फोड़ की। कुर्सी मेज तोड़े वहीं एसएसपी ऑफिस की कुर्सियां पलट दी। रैक और दरवाजे के शीशे तोड़ दिए। विरोध करने वाले कर्मचारियों को भी पीट दिया। पुलिस ऑफिस में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी शीला को भी अधिवक्ताओं ने नहीं छोड़ा। पिटाई कर उनका हाथ तोड़ दिया। सिपाही मनीष कुमार को भी पैर में गंभीर चोट आई।
ञ्जद्बद्वद्ग द्यद्बठ्ठद्ग 13.00 बजे लोअर कोर्ट में पेशी के बाद बाहर निकले अधिवक्ता और पेशी पर आए नारीबारी चौकी इंचार्ज शैलेंद्र सिंह 13.10 बजे कोर्ट में जिरह के दौरान हुई बहस को लेकर पेशी के बाद अधिवक्ता नबी अहमद और चौकी इंचार्ज के बीच हुई बहस 13.20 बजे-अधिवक्ताओं ने मिलकर किया चौकी इंचार्ज नारीबारी पर हमला 13.30 बजे हाथापाई और मारपीट के दौरान हुई गोली चलने की आवाज और जमीन पर गिर पड़े अधिवक्ता नबी अहमद 13.50 बजे कोर्ट कैंपस में साथी की हत्या की सूचना मिलने पर लामबंद हुए वकील, दरोगा को दौड़ाया 14.00 बजे जान बचाने के लिए एसएसपी ऑफिस पहुंचे दरोगा तो वकीलों का हुजूम भी पहुंच गया। एसएसपी ऑफिस में तोड़फोड़ 14.10 बजे पुलिस ने एसएसपी ऑफिस में घुसे वकीलों को दौड़ाया, लाठियों ने पीटा 14.20 बजे पुलिस के बल प्रयोग करने पर अधिवक्ताओं ने भी शुरू की आगजनी फूंके गए कई सरकारी वाहन 14.30 से 13.40 बजे तक पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच चलता रहा गोरिल्ला युद्ध, पत्थर चलाए गए और वाहनों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी की गई 03.50 बजे एसएसपी और एसपी सिटी ने खुद संभाली कमान, आरएएफ की घेराबंदी के बाद मामला हुआ शांत 16.00 बजे बवाल में फूंके गए वाहनों को हटाने पहुंचा पुलिस का टोईग वैन तो भड़के अधिवक्ता 16.05 बजे पुलिस ने किया विरोध तो फिर वकीलों ने किया पथराव 16.08 बजे आरएएफ जवानों के साथ मौके पर पहुंचे आरएएफ कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल 16.10 बजे एसएसपी दीपक कुमार ने पुलिस वालों को शांत रहने के लिए कहा 16.20 बजे दोनों पक्षों में शुरू हुई मामला शांत कराने के लिए बातचीत 17.00 बजे सीजेएम खुद पहुंचे और अधिकारियों से की बात तो शांत हुआ माहौल 17.10 बजे आधा घंटा तक सीजेएम ने आरएएफ की सुरक्षा में अधिवक्ताओं के साथ किया पूरे घटनास्थल का मुआइना बार कौंसिल आज पूरे प्रदेश में मनाएगा विरोध दिवस इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हुई घटना को बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने सीरियसली लिया है। बार कौंसिल के उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार अवस्थी ने बताया कि घटना निंदनीय है। इसलिए गुरुवार को विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। सीएम ने किया 10 लाख देने का एलान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दरोगा की गोली से मृत अधिवक्ता के परिजनों को मुआवजे के तौर पर दस लाख रुपए देने की घोषणा की है। उन्होंने घटना की जानकारी मिलने के बाद डीजीपी को तलब किया। उन्होंने डीएम और एसएसपी को फोन करके घटना की जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। पूरे प्रदेश में अदालतों की चौकसी बढ़ा दी गई है। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना रोकने की पूरी तैयारी है। शासन और प्रशासन अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रहा है। देवाशीष पंडा प्रमुख सचिव गृह