रजिस्टर में दर्ज होगा तलाशी का ब्यौरा
- हाई सिक्योरिटी बैरक में मिली थी मच्छरदानी
- अचानक जांच में गड़बड़ी पर होगी कार्रवाई GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में आने जाने वालों की निगरानी का दायरा बढ़ा दिया गया है। जेल पर मौजूद पुलिस-पीएसी जेल में जाने वाले हर व्यक्ति की तलाशी लेकर उसका ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज करेंगे। गुरुवार को नया निर्देश जारी होने से बंदियों, बंदी रक्षकों और सुरक्षा कर्मचारियों में खलबली मच गई है। डीआईजी जेल ने कहा है कि जेल में लगातार गड़बड़ी मिलने की वजह से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अचानक किया था निरीक्षणजिला कारागार में बंदियों के सुख-सुविधाओं का भोग करने की शिकायत लगातार सामने आ रही है। मंगलवार की रात डीआईजी जेल ने अचानक कार्रवाई की। जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में डीआईजी पहुंचे तो सात बंदी मच्छरदानी तानकर सोते मिले। जेल के भीतर मच्छरदानी देखकर डीआईजी का माथा चकरा गया। मच्छरदानी भीतर जाने के संबंध में जेल प्रशासन के लोग सही जवाब नहीं दे थे। लापरवाही सामने आने पर डीआईजी ने तीन बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया। इसके पहले डीएम-एसएसपी के छापे में जेल के भीतर टीवी और डीटीएच सेटअप बॉक्स बरामद हो चुका है।
जांच का ब्यौरा गेट पर होगा दर्जसंवेदनशील श्रेणी की जेल में शामिल गोरखपुर मंडलीय कारागार की सुरक्षा चौकस कर दी गई है। जेल गेट पर पुलिस और पीएसी की निगरानी रहती है। जेल के भीतर जाने-आने वाले हर व्यक्ति की सघन तलाशी लेने का नियम है। इसके बावजूद जेल में छापे के दौरान बैरक में प्रतिबंधित और आपत्तिजनक सामान मिल रहे हैं। इसको देखते हुए डीआईजी जेल ने सुरक्षा को पुख्ता करने का निर्देश दिया। डीआईजी ने कहा कि जेल के भीतर जाने वाले हर व्यक्ति की तलाशी का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। उसकी एक रिपोर्ट भी अफसरों को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर अचानक कार्रवाई करके जांच की जाएगी। कोई गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
बॉक्स तो सिर्फ बंदी रक्षक जिम्मेदारजेल के भीतर कोई गड़बड़ी मिलने पर बंदी रक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मंगलवार की रात डीआईजी के छापे में मच्छरदानी बरामद होने से तीन बंदी रक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया। जेल से जुड़े लोगों का कहना है कि किसी गड़बड़ी के लिए सिर्फ बंदी रक्षक जिम्मेदार नहीं हैं। बावजूद इसके हर बार सिर्फ उनको दोषी ठहराया जाता है। जेल में कोई काम बिना किसी उच्चपदस्थ के इशारे पर संभव नहीं है। इसलिए हर मामले में उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
जेल के भीतर आपत्तिजनक सामान मिलना खराब बात है। ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रोजाना पूरी तलाशी की रिपोर्ट रजिस्टर में दर्ज करने को कहा गया है। यादवेंद्र शुक्ल, डीआईजी जेल