शाम होते अंधेरे में डूब जाती है मंडी
-महेवा मंडी का हाल
-15 लाख की लागत से आठ साल पहले लगाए गए पांच हाई मास्ट, मरम्मत के अभाव में खराब GORAKHPUR: महेवा मंडी शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती है। इसी की नतीजा है कि आये दिन यहां चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इससे निजात दिलाने के लिए मंडी परिषद ने आठ साल पहले करीब 15 लाख की लागत से पांच हाई मास्ट लगवाए गए, लेकिन समय गुजरने के साथ मरम्मत नहीं कराई गई। अब सभी हाई मास्ट खराब हो चुके हैं और मंडी में अंधेरा छाया हुआ है। बदहाली के कगार पर मंडीपूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी में करोड़ों का कारोबार होता है। समितियां इसका ढाई प्रतिशत टैक्स व्यापारियों से वसूल करती है। साथ ही आधा प्रतिशत टैक्स व्यापारियों की सुविधा पर खर्च होते हैं। बावजूद इसके उनको कोई भी सुविधा नहीं मिल पा रही है .मंडी प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज पूरी मंडी अंधेरे में हैं। आठ साल पूर्व नवीन गल्ला, मछली, फल और सब्जी मंडी में लगे पांच हाई मास्ट मंडी समिति की उदासीनता की वजह से खराब पड़े हुए हैं, जिससे व्यापारियों को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है।
400 दुकानें निशाने परनवीन गल्ला, मछली और फल सब्जी मंडी मिलकार कुल 400 दुकानें हैं। यहां आये दिन करोड़ों का कारोबार होता है। मगर व्यापारियों की सुविधाओं पर गौर किया जाए तो उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है। जबकि व्यापारी सुविधा के नाम टैक्स दे रही है। फिर भी मंडी की व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। वहीं सुरक्षा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। यह दुकानें हर रात अंधेरे में रहती है।
विद्युत यांत्रिक विभाग नहीं ले रहा सुधि महेवा मंडी में बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जिम्मेदारी विद्युत यांत्रिक मंडी परिषद की है। लेकिन शिकायत के बाद भी विभाग सुधि नहीं ले रहा है। जिसकी वजह से मंडी की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। जिम्मेदार विभाग इस उदासीनता का ठीकड़ा मंडी प्रशासन पर फोड़ रहा है। प्रस्ताव बनाकर मंडी परिषद लखनऊ को भेजा गया है। 15 दिन के भीतर हाई मास्ट ठीक करा लिया जाएगा। अरविंद, जेई यांत्रिक, मंडी परिषद