यहां बिकती है डिग्री, बेचते हैं कर्मचारी
- डीडीयूजीयू में डिग्री निकाले जाने के नाम पर जमकर हो रही है रिश्वतखोरी
- डिग्री निकाले जाने के नाम पर चल रहे रिश्वतखोरी को आई नेक्स्ट ने किया खुलासा GORAKHPUR : अगर शिक्षा का मंदिर में ही रिश्वत खोरी होने लगे तो देश का भविष्य क्या होगा। यह कोई भी बता सकता है। दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (डीडीयूजीयू) में इन दिनों डिग्री निकलवाने के नाम पर रिश्वत का बाजार गरम है। इस बाजार के दुकानदार हैं डीडीयूजीयू के कर्मचारी व उनके प्राइवेट एजेंट्स। इसका खुलासा किया है आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन से। कैसे हुआ खुलासा?आई नेक्स्ट ऑफिस में पिछले कई दिनों से फोन पर शिकायतें आ रही थी कि डीडीयूजीयू में डिग्री निकलवाने के नाम पर एक्स्ट्रा रुपए वसूले जा रहे हैं। इसके बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर मामले की हकीकत जानने डीडीयूजीयू के एडी बिल्िडग में दोपहर करीब क्ख्.ब्भ् बजे पहुंचा। रिपोर्टर यूनिवर्सिटी के सामान्य विभाग में पहुंचा। वहां परीक्षा फार्म का काम चल रहा था। रिपोर्टर ने परीक्षा सामान्य विभाग के कर्मचारियों से डिग्री निकलवाने की बात पूछी। कर्मचारियों ने बताया कि सबसे अंतिम टेबल के पास डिग्री से संबंधित कार्य होते हैं। इसके बाद रिपोर्टर जानकारी एकत्र करने संबंधित क्लर्क के पास पहुंचा तो वहां पहले से ही डिग्री निकलवाने वालों की भीड़ लगी थी। इसी बीच रिपोर्टर ने भी अपनी डिग्री निकलवाने के लिए डाक्यूमेंट्स और फीस की जानकारी ली। इस दौरान क्लर्क और आई नेक्स्ट रिपोर्टर के बीच जो बातचीत हुई, वह बेहद चौंकाने वाली थी।
रिपोर्टर - डिग्री निकलवानी है। कलर्क - निकल जाएगी। रिपोर्टर - लेकिन हमें एक दो दिन के भीतर ही चाहिए। कलर्क- दिला देंगे। रिपोर्टर- कितना फीस है। कलर्क- फ्00 रुपए फीस है। रिपोर्टर - कुछ एक्स्ट्रा भी लगेगा? कलर्क- फ्00 रुपए फीस और फ्00 रुपए एक्स्ट्रा। रिपोर्टर- कब तक मिल जाएगी डिग्री। कलर्क- मंगलवार तक। रिपोर्टर - कैसे आपसे संपर्क करें? कलर्क - आकर यहीं मिलिएगा। रिपोर्टर - पैसे कुछ कम नहीं करेंगे? कलर्क- इसमें मात्र क्00 रुपए मिलना है हमें तो कैसे कम करें। रिपोर्टर -अपना नंबर दे देंगे? कलर्क- नंबर नहीं देंगे। फार्म भरकर आइए। रिपोर्टर- डॉक्यूमेंट्स में क्या-क्या जमा होगा? कलर्क- मार्क्सशीट की फोटो कॉपी। रिपोर्टर- एमजेएमसी की डिग्री निकलवानी है। कलर्क- किस सन की है। रिपोर्टर- ख्008 की। नोट - डिग्री निकलवाने को लेकर कलर्क से हुई बातचीत की विजूअल रिकार्डिग आई नेक्स्ट के पास है। क्या है डिग्री निकलवाने के नियमअगर किसी स्टूडेंट ने डीडीयू या फिर डीडीयू से संबद्ध डिग्री कॉलेज से पढ़ाई कंप्लीट की है तो उसकी डिग्री यूनिवर्सिटी दी जाती है। इसके लिए एप्लीकेंट को डिग्री प्राप्त करने के लिए एप्लीकेशन फार्म सबमिट करना होता है। एप्लिकेशन फार्म के साथ-साथ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट एचओडी से और कॉलेज स्टूडेंट प्रिंसिपल से इसे फारवर्ड कराएंगे। इसके अलावा अंकपत्रों की फोटो कॉपी फारवर्ड कराकर यूनिवर्सिटी की तरफ से निर्धारित फीस फ्00 रुपए के साथ जमा करनी होती है। जमा करते समय क्लर्क से फार्म की रिसीविंग मिलती है। इसके बाद एप्लीकेंट को यूनिवर्सिटी आने की जरूरत नहीं है। उसके पते पर डिग्री बनाकर रजिस्टर्ड डाक से भेज दी जाती है।
जिसने नहीं दिया सुविधा शुल्क, उसकी नहीं निकली डिग्री यूनिवर्सिटी प्रशासन नियमानुसार एप्लीकेंट्स के पते पर डिग्री चली जानी चाहिए, लेकिन सुविधा शुल्क देने वालों को डिग्री हाथों हाथ दे दी जाती है। गोरखपुर जनपद के आसपास जिले में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स पिछले कई महीने से चक्कर लगा-लगाकर थक जाते हैं, लेकिन उन्हें डिग्री नहीं मिलती। कुंभकर्णी नींद सो रहे अधिकारीऐसा नहीं है डिग्री निकाले जाने के नाम पर हो रही वसूली की जानकारी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को नहीं है, लेकिन इसके बाद भी वह कुंभकर्ण की नींद सो रहे हैं। यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ टीचर्स की मानें तो इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
वर्जन अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू