पहुंचे वीसी, लिया जायजा, दिया आश्वासन
-हॉस्टल में वर्चस्व को लेकर चली गोली पर डीडीयूजीयू प्रशासन हुआ गंभीर
-निरीक्षण करने पहुंचे वीसी को हॉस्टलर्स ने गिनाई समस्याएं GORAKHPUR: हॉस्टल में दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना को डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने गंभीरता से लिया है। ट्यूज्डे को वीसी और रजिस्ट्रार ने संतकबीर, गौतम बुद्धा, विवेकानंद और एनसी हास्टल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वीसी और रजिस्ट्रार ने हास्टलर्स की प्रॉब्लम्स सुनी। उनकी सेफ्टी के लिए लगाए सिक्योरिटी गार्ड्स की रिपोर्ट वार्डेन से ली और जल्द से जल्द सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया। फायरिंग के बाद जागा एडमिनिस्ट्रेशनबता दें, डीडीयूजीयू हास्टल कैंपस में स्पोटर्स हॉस्टल के कंस्ट्रक्शन में वर्चस्व को लेकर मंडे नाइट बदमाशों के दो गुट भिड़ गए। इस दौरान फायरिंग होने से सनसनी फैल गई। हॉस्टलर्स के सड़क पर उतरने से यूनिवर्सिटी चौराहे से मोहद्दीपुर रोड पर अफरा-तफरी मची रही। ट्यूज्डे इवनिंग हॉस्टल का निरीक्षण करने पहुंचे वीसी प्रो। अशोक कुमार, रजिस्ट्रार अशोक कुमार अरविंद और चीफ प्रॉक्टर ओपी पाण्डेय आदि को हॉस्टलर्स ने घेरकर अपनी समस्याएं बताई।
अवैध छात्रों को न दें पनाहरिसर्च कर रह रहे चंद्रभूषण तिवारी ने वीसी को बताया कि गौतम बुद्ध हॉस्टल में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए आरओ की व्यवस्था होनी चाहिए। इसपर वीसी ने आरओ लगवाने का आश्वासन दिया। संतकबीर हास्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स ने वीसी को बताया कि हास्टल में सबसे ज्यादा पानी, बिजली और सिक्योरिटी की जरूरत है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से केवल आश्वासन दिए जाते हैं, मिलता कुछ नहीं है। निरीक्षण के दौरान वीसी सभी हास्टलर्स से यही कहते रहे कि अवैध रूप से रहने वाले स्टूडेंट्स को जब तक बाहर का रास्ता नहीं दिखाया जाएगा, तब तक जेनविन हास्टलर्स को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी। इसलिए आप सभी से अपील है कि अवैध छात्रों को यहां पनाह न दें। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में विश्वविद्यालय प्रशासन की मदद करें।
ऐसे बदलेगी हॉस्टल की सूरत - चुस्त होगी सिक्योरिटी की व्यवस्था - लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट - झाडि़यों की कराई जाएगी सफाई - पानी की होगी समुचित व्यवस्था - हॉस्टल में आने जाने वालों पर रखी जाएगी नजर हॉस्टल में सिक्योरिटी और पानी की सुविधा मुहैया कराना सबसे पहली प्राथमिकता है। इसे एक हफ्ते के भीतर प्रोवाइड कराए जाएंगे। जो भी समस्याएं आ रही होंगी। उसे शार्ट आउट किए जाएंगे। बच्चों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू