आखिर क्यों डीएक्टिवेट हो गया एनएसएस?
- घटना के बाद एनएसएस में बंद हो गया प्रोग्राम्स का दौर
- वहीं समाज के लिए कुछ करने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स भी कंफ्यूजन में GORAKHPUR : एनएसएस में चल रहे घटनाक्रम में दोषी कोई भी हो, लेकिन इसका कहीं न कहीं से नुकसान वालंटियर्स को ही उठाना पड़ रहा है। हर इवेंट में एक्टिव दिखने वाला डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी एनएसएस डिएक्टिवेट मोड में चला गया है। यह एनएसएस ऑफिस पर हुई घटना का साइड इफेक्ट ही है कि न तो प्रॉपर वे में एड्स अवेयरनेस डे ही सेलिब्रेट किया गया और न ही एनर्जी कंजर्वेशन डे, यहां तक कि रेग्युलर बेसिस पर होने वाली अटैंडनेस भी नहीं हो रही है। इसकी वजह से हमेशा ही गुलजार रहने वाला एनएसएस ऑफिस इन दिनों सुनसान सा हो गया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस मामले में आखिरकार वालंटियर्स का क्या दोष है।तो इसलिए कतरा रहे हैं स्टूडेंट्स
ख्ख् नवंबर को एनएसएस ऑफिस में कुछ शरारती तत्वों ने प्रोग्राम में खलल डालने की कोशिश की। इसको लेकर पहले लड़कियों ने कुछ स्टूडेंट्स पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। वहीं कुछ दिन बाद लड़कियों ने आरोप लगाने के पीछे उनपर दबाव की बात कही। देखते ही देखते एनएसएस ऑफिस राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गया। इस बीच मामला इतना गर्म हो गया कि आए दिन धरना और प्रदर्शन होने लगे। ऐसे में उनके साथ भी कोई घटना न हो जाए, इसलिए एनएसएस ऑफिस तक भी जाने से स्टूडेंट्स कतराने लगे हैं।
एक घटना ने बदल दी एनएसएस की सूरत जब आई नेक्स्ट ने स्टूडेंट्स के दिल का हाल जाना तो उनका कहना था कि अब यहां कुछ सीखने के लिए नहीं है। वहां जाने में यह डर लगा रहता है कि कोई घटना न हो जाए। जिस तरह से विरोध और प्रदर्शन हो रहे हैं, कहीं एनएसएस ऑफिस जाने पर उन्हें भी कोई नुकसान न हो जाए। यही वजह है कि वालंटियर्स एनएसएस ऑफिस जाने से कतरा रहे हैं। अब इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे क्या होगा? कितने दिनों में यह प्रॉब्लम सॉर्ट आउट होगी? यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि बगैर प्रॉब्लम सॉर्ट आउट हुए, स्टूडेंट्स को दोबारा एनएसएस की ओर मोटीवेट करना काफी मुश्किल टास्क है। सिर्फ नाम का नहीं है एनएसएस - - प्रदेश के ब्फ् जिलों में क्ख् यूनिवर्सिटीज के बीच अवेयरनेस प्रोग्राम में गोरखपुर यूनिवर्सिटी एनएसएस को बेस्ट अवार्ड- प्रदेश के ब्भ्0 रेड रिबन क्लब के एक्टिव होने के बाद भी गोरखपुर यूनिवर्सिटी को प्रदेश में सबसे बेस्ट पोजिशन
- गोरखपुर यूनिवर्सिटी को सोशल वर्क और अवेयरनेस के मामले में प्रदेश में सबसे बेस्ट यूनिवर्सिटी डिक्लेयर। - राज्यपाल के हाथों में बेस्ट एनएसएस कोऑर्डिनेटर का अवार्ड भी गोरखपुर यूनिवर्सिटी को मिला - निधि सिंह को बेस्ट एक्टिव वालंटियर के लिए प्रेसिडेंट अवार्ड- ब्लड डोनेशन में भी सबसे आगे - वुमेन इंपॉवरमेंट और यूथ सेंट्रिक मुद्दों पर वालंटियर्स एक्टिव - इलेक्शन के दौरान वोटर अवेयरनेस में भी बेस्ट रहे गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वालंटियर्स - रिपब्लिक डे परेड के लिए एनएसएस वालंटिर्स का सेलेक्शन एनएसएस ऑफिस में इन दिनों रोज कोई न कोई हंगामा हो रहा है। इसलिए वहां जाने में डर लगने लगा है। - मदन मोहन गुप्ता, वालंटियर प्रोग्राम में जाते वक्त यह डर सा बना रहता है कि कोई आकर प्रॉब्लम न क्रिएट कर दे। इससे एनएसएस में तो प्रॉब्लम होगी ही साथ ही पढ़ाई भी डिस्टर्ब होगी। - सत्येंद्र कुमार, वालंटियर एनएसएस में पहले रेग्लुयर प्रोग्राम ऑर्गेनाइज होते थे। इन दिनों काफी कम प्रोग्राम हो रहे हैं, वहीं स्टूडेंट्स में भी डर बना हुआ है। इस वजह से यहां पर स्टूडेंट्स की तादाद कम हो गई है। - सुमित मिश्रा, वालंटियरइस समय राष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी का एनएसएस एक अलग पहचान बना चुका है। समय-समय पर भारत सरकार और राज्य सरकार प्रशस्ति पत्र भी देती रहती है। इससे स्टूडेंट्स मोटीवेट होते हैं। मैं इसके लिए निरंतर प्रयासरत हूं, कि समस्या जल्द से जल्द खत्म हो सके।
- डॉ। अजय कुमार शुक्ला, कोऑर्डिनेटर, एनएसएस