-डीडीयूजीयू और आईआईटी, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में शुरू होगा 'इंटीग्रेटेड स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोग्राम'

-डीडीयू और एफिलिएटेड कॉलेजेज के करीब तीन लाख स्टूडेंट होंगे लाभांवित

GORAKHPUR ऐसा पहली बार हो रहा है कि डीडीयू और डीडीयू से एफिलिएटेड कॉलेज के स्टूडेंट्स पूरी तरह से हाईटेक होंगे। स्टूडेंट्स को रोजगारपरक सॉफ्टवेयर की जानकारी के लिए अब हजारों रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि डीडीयूजीयू आईआईटी, मुंबई के साथ मिलकर रोजगारपरक सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग शुरू करने जा रहा है, वह भी फ्री ऑफ कास्ट। स्टूडेंट्स को सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग 'इंटीग्रेटेड स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोग्राम' के तहत दी जाएगी।

तीन फेज में होगा कंप्लीट

डीडीयू में करीब बीस हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स स्टडी करते हैं। वहीं करीब 292 एफिलिएटेड कॉलेज में करीब तीन लाख से ज्यादा स्टूडेंट हैं जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। यह प्रोग्राम तीन फेज में कंप्लीट कराए जाएंगे। पहले फेज में 21-22 मार्च को यूनिवर्सिटी के संवाद भवन में नोडल अफसर डीडीयू व सभी कॉलेज के को-आर्डिनेटर को इस साफ्टवेयर के बारे में ट्रेनिंग देंगे। दो दिन की ट्रेनिंग में को-ऑर्डिनेटर कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को नेटवर्किग से जुड़े कंप्यूटर्स पर इन सॉफ्टवेयर को अपलोड कर स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देंगे।

स्टूडेंट्स के बचेंगे लाखों रुपए

ट्रेनिंग में यूजी और पीजी के स्टूडेंट्स के अलावा प्रोफेशनल पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स भी शामिल हो सकते हैं। डीडीयू प्राणी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि ज्यादातर स्टूडेंट्स रोजगारपरक साफ्टवेयर की जानकारी के लिए विभिन्न इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करते हैं। इसके लिए वह लाखों रुपए खर्च करते हैं। ऐसे में आईआईटी मुंबई ने कुछ महीने पहले सर्वे कर इस बात की रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को पेश किया कि पूर्वाचल के स्टूडेंट्स को रोजगारपरक साफ्टवेयर की जानकारी देना जरूरी है। ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके और वह अपने पैरों पर खड़े हो सके।

सभी को भेजा गया लेटर

उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोग्राम के शुभारंभ के लिए डीडीयू के सभी विभागाध्यक्ष और एफिलिएटेड कॉलेज के प्रिंसिपल्स को लेटर भेजा जा चुका है। उनसे कहा गया है कि दो योग्य टीचर को इस ट्रेनिंग के लिए नामित करें। जो स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दें सके। उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग को कंप्लीट करने के बाद स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रबंधन की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

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इसके अलावा यूजी और पीजी के स्टूडेंट्स को कई अन्य साफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी जाएगी। यूजी और पीजी कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट्स को जहां एडवांस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं बीसीए, बीबीए व एमबीए के पाठ्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले साफ्टवेयर की जानकारी के लिए मैपिंग की गई है, जो स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा।

डीडीयू और डीडीयू से एफिलिएटेड स्टूडेंट्स को रोजगारपरक ट्रेनिंग देने के लिए आईएसटी प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स को कंप्यूटर साफ्टवेयर की जानकारी के साथ-साथ कई अन्य बेनेफिट्स भी मिलेंगे।

डॉ। रविकांत उपाध्याय, नोडल अफसर व एसोसिएट प्रोफेसर प्राणी विज्ञान, डीडीयू

रोजगारपरक आईएसटी प्रोग्राम की शुरुआत डीडीयू के साथ मिलकर किया जा रहा है। ट्रेनिंग में स्टूडेंट्स को कंप्यूटर साफ्टवेयर की फ्री जानकारी मिलेगी, जो उनके लिए काफी मददगार साबित होगी।

अनीता जाला, को-ऑर्डिनेटर यूपी, आईआईटी मुंबई

Posted By: Inextlive