Gorakhpur News : मीटिंग पर मीटिंग में नहीं मिली गोरखपुर के जन्मदिन की 'तारीख'
गोरखपुर (ब्यूरो)।शासन ने प्रदेश के सभी जिले के स्थापना दिवस को जन्म दिन के रूप में मनाए जाने का निर्देश जारी किया है, लेकिन जब गोरखपुर की तरीख ही तय नहीं है तो स्थापना दिवस मनाना तो दूर की बात है। इस निर्देश के बाद नगर निगम गोरखपुर में तीन बार बैठक भी हो चुकी है, लेकिन गोरखपुर के आठ बार नाम बदले जाने से इसकी जन्मदिन की तरीख अब तक डिसाइड नहीं हो सकी है। 2023 में नगर निगम गोरखपुर के जन्म दिवस को मनाए जाने के लिए सदन की बैठक में तय करने का फैसला किया है। जल्द ही डेट भी डिसाइड कर दी जाएगी। स्थापना दिवस ही जन्मदिवस
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने शासनादेश जारी करते हुए सभी डीएम व नगर आयुक्त को निर्देश जारी किया था कि शहरों के स्थापना दिवस को जन्म दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाए। इसमें शहर के इतिहास, संस्कृति व सभ्यता के प्रति लोगों के अंदर गौरव की अनुभूति जागृत करने और विशिष्ट पहचान सुनिश्चित कराने का मौका दिया जाएगा। तत्कालीन नगर आयुक्त अविनाश कुमार ने तीन बार जन्म दिवस मनाए जाने को लेकर मीटिंग भी की, लेकिन अब तक जन्म दिवस की डेट फाइनल नहीं हुई। जबकि प्रबुद्ध वर्ग से इसके लिए लगातार संपर्क भी साधा गया। लेकिन इसके बाद भी निष्कर्ष तक नहीं निकल सका। नगर निगम के जिम्मेदारों को इस बात की भी कंफ्यूजन सता रही है कि सन 1801 में गोरखपुर जिले की स्थापना हुई थी। गोरखपुर का इतिहास लगभग 2600 साल पुराना है। गोरखपुर का नाम भी आठ बार बदला गया।गोरखपुर के जन्म दिवस को मनाए जाने के लिए सदन की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। जल्द ही तारीख डिसाइड कर सेलिब्रेशन धूमधाम से मनाया जाएगा।- गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त