बुजुर्ग न हों परेशान, रखा जाएगा उनका ध्यान
- प्रदेश सरकार की पहल पर अब हर बुजुर्ग का डाटा होगा अपडेट
- कहां रहते हैं, फैमिली बैकग्राउंड क्या है के साथ सभी डाटा रजिस्टर में होगा मेनटेन - अकेले रहने वाले बुजुर्गो को मिलेगा आसरा और सिक्योरिटी - शहर के संबंधित थाने में भी मौजूद रहेगी डिटेलGORAKHPUR: जिंदगी भर अपने बच्चों का ख्याल रखने वाले माता-पिता को जब उनके बच्चों की जरूरत होती है, तब भी वह उनका साथ छोड़ बैठते हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव में अनबन होने पर घर से बाहर निकाल देने पर ही गुरेज नहीं करते। ऐसे बुजुर्ग अगर पेंशनर्स हैं तो अपनी जिंदगी किसी तरह बसर कर लेते हैं, लेकिन ऐसे बुजुर्ग जिनके पास कोई ऑप्शन नहीं हैं, ऐसे लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होते हैं। मगर अब ऐसा नहीं शहर में अकेले रहने वाले बुजुर्गो को सेफ्टी और सिक्योरिटी देने के लिए प्रदेश सरकार ने पहल की है। इसके तहत जहां उन्हें रहने के लिए छत की व्यवस्था कराई जाएगी। वहीं, सिक्योरिटी के साथ ही उनके सुख-दुख का हालचाल भी लिया जाएगा।
पुलिस करेगी रजिस्टर मेनटेनअकेले जिंदगी बसर करने वाले बुजुर्गो के लिए शासन ने नया शासनादेश जारी किया है। इसके तहत सभी थाने में यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह थाना क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्गो का सर्वे कराकर एक रजिस्टर मेनटेन करें। इसमें उनके आसपास रहने वालों के डाटा के साथ ही उससे जुड़ी सारी इंफॉर्मेशन का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इतना ही नहीं इसमें काम करने वाले नौकरों की भी डीटेल दर्ज की जाएगी। इसमें हर थाने पर इन बुजुर्गो के लिए एक व्यक्ति को नामित कर उनका रेग्युलर हाल-चाल लेने की भी जिम्मेदारी दी जाएगी, जो हर हफ्ते फोन कर उनकी स्थिति की जानकारी लेंगे।
मेनटेन होंगे सभी रिकॉर्ड जिस व्यक्ति को बुजुर्ग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और वह उसका जो भी हालचाल लेगा, उसे बाकायदा थाने में मेनटेन होने वाले रजिस्टर पर दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं थानेदार को भी हफ्ते में एक बार जाकर इन बुजुर्गो का हाल-चाल लेना होगा। इस दौरान उन्हें जो भी हालात मिलेंगे, उसका रिकॉर्ड भी रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इस रजिस्टर की मॉनीटरिंग पुलिस कप्तान और डीएम खुद करेंगे। इन पर होगी निगाह - मिलने जुलने वाले व्यक्ति - काम करने वाले नौकर, बावर्ची, गार्डनर आदि - रोजाना आने-जाने वाले लोग बुजुर्गो के लिए यह है व्यवस्था -कुछ ऐसे बुजुर्ग पेंशनर्स हैं, जो चलने-फिरने में असमर्थ है, ऐसी कंडीशन में कोषागार का कोई कर्मचारी जाकर उनका लाइफ सर्टिफिकेट भरवाएगा।- अगर किसी के पास घर या सिर छिपाने के लिए आसरा नहीं है, तो उसे प्रशासन रहने के साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था मुहैया कराएगा।
- मुकदमा लड़ने के लिए प्रशासिनक अधिकारी उसकी मदद करेंगे। वर्जन बुजुर्गो के लिए सरकार ने काफी व्यवस्था की है। बेसहारा बुजुर्गो को घर आदि तो मुहैया कराया ही जाएगा। अब नए शासनादेश के तहत पुलिस उनकी निगरानी भी करेगी। इसके तहत सभी थानों में पुलिस बुजुर्गो का रिकॉर्ड मेनटेन करेगी। वह उनका रेग्युलर हालचाल भी लेंगे। एसएसपी और डीएम समय-समय पर इसकी निगरानी भी करेंगे। - डॉ। चंद्रभूषण, एडीएम, एफआर