तो अभी नहीं बन सकेंगे स्मार्ट वे में डीएल
- डाटा फीडिंग में सुस्ती की वजह से अभी और लगेगा वक्त
- फरवरी में तय सीमा खत्म, अब तक महज एक लाख डाटा हो सके हैं ऑनलाइन - 4 लाख डीएल के डाटा की करनी है फीडिंग द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : स्मार्ट वे में घर बैठे डीएल बनवाने का ख्वाब सजाए गोरखपुराइट्स को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। आरटीओ की डाटा फीडिंग में सुस्त स्पीड की वजह से अब भी ऑनलाइन डीएल बनवाने का सिलसिला शुरू नहीं हो सका है। जिस तरह से फीडिंग की स्पीड है, उससे तो अभी कितने मंथ और लगेंगे, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। फीडिंग की मियाद खत्म होने के बाद भी अब तक महज 25 परसेंट डाटा की फीडिंग ही हो सकी है, जबकि अभी तीन चौथाई डाटा फीडिंग के लिए बाकी है। 1 लाख डीएल की हुई फीडिंगआरटीओ के आंकड़ों पर अगर निगाह डालें तो में चल रहे डाटा डिजिटलाइजेशन वर्क की मियाद खत्म हो चुकी है। तय डेट बीतने के बाद भी अब तक महज 1 लाख डीएल के डाटा की फीडिंग हो सकी है। आरटीओ एम अंसारी की मानें तो आरटीओ में टोटल 4 लाख लाइसेंसधारी है, जिनके रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जा रहा है। अब भी 3 लाख से ज्यादा फॉर्म की फीडिंग बची हुई है। डाटा फीडिंग के लिए आरटीओ ने जनवरी तक का वक्त तय किया था, लेकिन फरवरी में 13 दिन बीत जाने के बाद भी डाटा पूरी नहीं हो सकी है।
गोरखपुराइट्स को होगा काफी फायदा आरटीओ अगर डिजिटलाइज हो जाता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा गोरखपुराइट्स को होगा। सबसे पहला यह कि इससे घर बैठे ही अपना लाइसेंस रीन्यूअल, फीस पेमेंट जैसे काम एक क्लिक पर ही होंगे। वहीं नए डीएल बनाने के लिए भी ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ वक्त बचेगा, बल्कि बिचौलियों और दलालों पर भी लगाम लगेगी। डाटा की ऑनलाइन फीडिंग चल रही है। अब तक 1 लाख रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुके हैं। 4 लाख रिकॉर्ड की फीडिंग करनी है। बाकी को ऑनलाइन करने का सिलसिला जारी है। एम अंसारी, आरटीओ, गोरखपुर