दारा के परिजन बैठे आमरण अनशन पर
- तीन माह बाद भी धर्मेद्र जायसवाल उर्फ दारा की हत्या से नहीं उठा पर्दा
-परिजनों का ऐलान, हत्यारोपियों की गिरफ्तारी तक जारी रखेंगे आमरण अनशन GORAKHPUR: धर्मेद्र जायसवाल उर्फ दारा के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसके परिजन वेंस्डे से डीएम ऑफिस पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। प्रशासनिक अमलों के तमाम आश्वासन पर भी वे नहीं मानें। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी डीएम को सौंपा। 24 मार्च को हुई थी हत्याखोराबार एरिया के कांशीराम आवासीय योजना के समीप 24 मार्च 2015 को सिकरीगंज के रहने वाले शराब के कारोबारी धर्मेद्र जायसवाल उर्फ दारा अपने भाई के साथ कार से कहीं जा रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग झोंक दिया। बारह राउंड गोलियां दागीं गई, जिसमें चार गोली दारा के शरीर में जा धंसी। गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज एडमिट कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन हत्यारोपियों तक नहीं पहुंच सकी। हत्या का खुलासा न होने और पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग आकरवेंस्डे को डीएम दफ्तर के सामने दारा की मां कलावती देवी, पिता रामाश्रय जायसवाल, भाई प्रमोद जायसवाल, परमानंद जायसवाल, अनीता जायसवाल, प्रदीप जायसवाल दस बजे आमरण अनशन पर बैठ गए।
आश्वासन के बाद भी अड़ा रहा परिवार
सूचना पर पुलिस अफसर धरनास्थल पहुंच कर दारा के परिवार वालों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे। इस मौके पर एसपी ट्रैफिक, सीओ कैंट अतुल सोनकर, उप जिलाधिकारी सदर ज्ञानेश्वर और सीओ खोराबार रामपाल यादव ने फैमिली मेंबर्स से अनशन छोड़ने का आग्रह किया। साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए तीन दिन का वक्त मांगा लेकिन परिजनों ने अभियुक्त की गिरफ्तारी और उन्हें रिमांड पर लेने तक अनशन जारी रखने का ऐलान कर दिया। डीएम को सौंपा ज्ञापन फैमिली मेंबर्स ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। पत्र में अभियुक्तों के खिलाफ ठोस कार्रवाई, मामले की विशेष राजपत्रित अधिकारी से जांच, लाइसेंसी असलहा और 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। वहीं आमरण अनशन के समर्थन में रामललीत वर्मा, रामपाल पांडेय, लालचंद जाटव, आलीफ खान, गोकुल जायसवाल, सुरेश, हरिओम कसौधन, विजय रावत, राकेश, दीपक, दुर्गेश, उमर अहमद हुसैन, सूरज जायसवाल आदि तमाम लोग मौजूद रहे।