Ayushman Bharat Fraud: आयुष्मान से हारे सीएमओ, फर्जीवाड़ा जांचने को एसएसपी से गुहार
गोरखपुर (ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने पब्लिक को फ्री में स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड की शुरुआत की थी, जिसमें हर कार्डधारक को पांच लाख रुपए तक के प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्री इलाज की सुविधा मिलती है। लेकिन बीते कई दिनों से आयुष्मान कार्ड के जरिए फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर पर आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए 30 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जिले के 100 से अधिक लोगों ने दूसरों के नाम पर अपने गोल्डेन कार्ड बनवा लिए है। ये ऐसे लोग हैं, जिनके नाम आयुष्मान स्कीम के तहत लिस्ट में थे। इन लोगों ने सीएससी की मदद से फर्जी तरीके से सही नामों का इस्तेमाल कर गोल्डन कार्ड बनवाएं हैं। ऐसे लोगों के नाम लिस्ट से काट दिए गए हैं। इसकी जानकारी भी लखनऊ हेडक्वार्टर को दे दी गई है। सीएमओ ने एसएसपी को लिखा पत्र
सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने एसएसपी को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है कि लगातार आयुष्मान लाभार्थियों की ओर से शिकायत मिल रही है कि उनके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड निर्गत हो रहा है। डीआईयू टीम की ओर से बीआईएस पोर्टल पर सत्यता की जांच की गई। पता चला कि लाभार्थियों के स्थान पर दूसरा व्यक्ति आयुष्मान कार्ड बनवा लिया है। फर्जी आयुष्मान कार्ड को निरस्त किया जा चुका है। सीएमओ ने एसएसपी से अनुरोध किया है कि फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले के खिलाफ साइबर सेल की ओर से जांच कर इस प्रकरण में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दलालों से सावधान रहे, जिन लोगों ने फर्जी तरीके से इलाज के लालच में गोल्डन कार्ड बनवा लिए है। वह लोग उसका लाभ नहीं ले सकेंगे। क्योंकि, उसका पेमेंट आधार और आईडी के आधार पर प्राइवेट हॉस्पिटल में होता है। एसएसपी को पत्र के जरिए पूरे प्रकरण से अवगत कराया जा चुका है। साइबर सेल की ओर से मामले की जांच की जा रही है। अगर ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। - डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ