UPSRTC : ई-टिकटिंग मशीन पर 'साइबर अटैक', रोडवेज प्रशासन ने जमा कराई मशीन, पैसेंजर्स ने किया मैनुअल टिकट पर सफर
गोरखपुर (ब्यूरो)।इसकी वजह से बसों की ई-टिकटिंग मशीन के इस्तेमाल पर फौरी तौर पर रोक लगा दी गई है और कंडक्टर्स से मशीन जमा कराकर उन्हें मैनुअल टिकट प्रोवाइड किए गए हैं। मैनुअल टिकटिंग की वजह से जहां पैसेंजर्स और रोडवेज कर्मियों में झड़प हो रही है, वहीं रोडवेज की बसें भी प्रभावित हो रही हैं। फिलहाल जिम्मेदार इसको दुरुस्त होने में एक हफ्ते का समय लगने की बात कर रहे हैं। 25 को हुआ था अटैक
रोडवेज की बसों में मंगलवार से मैनुअल टिकट जारी किए जा रहे हैं। पहले इसे टेक्निकल फॉल्ट बताया जा रहा था, लेकिन जब इसकी साइबर एक्सपट्र्स ने जांच की तो हैंकिंग की बात सामने आई। जिम्मेदारों का कहना है कि विदेशी हैकर्स ने सर्वर डाटा इनक्रिप्ट कर लिया है, जिसकी वजह से परिवहन निगम की ई-टिकटिंग मशीन से लेन-देन खतरनाक हो गया है। ऐसे में रोडवेज एडमिनिस्ट्रेशन ने सर्वर दुरुस्त होने तक मैनुअल टिकट बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल गोरखपुर रीजन की सभी ई-टिकटिंग मशीनें जमा करा ली गईं हैं। देर से संचालित हो रही बसें
जिम्मेदारों की मानें तो साइबर क्रिमिनल्स ने रोडवेज के पूरे सिस्टम को हैक कर लिया है। इसके चलते बसों को मैनुअल टिकट प्रोवाइड कराने और ईटीएम जमा कराने के बाद उसे रूट पर भेजा जा रहा है। ये मशीनें इंटरनेट के जरिए रोडवेज के सर्वर से सीधे जुड़ीं हैं। ऐसे में बसों में बुकिंग व टिकट की स्थिति भी क्लीयर हो जाती है। हैकर्स ने पूरे सिस्टम को कब्जे में कर लिया है, जिसकी वजह से ये मशीनें काम नहीं कर रही हैं। बसों का संचालन प्रभावित होने के साथ टिकट बनाने को लेकर कंडक्टर व पैसेंजर्स से विवाद भी हो रहा है, जिससे बचने के लिए कंडक्टर कम दूरी का टिकट नहीं बना रहे हैं। इससे रोडवेज की आय भी प्रभावित हो रही है। गोरखपुर को मिली हैं 755 मशीन गोरखपुर रीजन में करीब 750 से अधिक बसों का संचालन विभिन्न डिपो से किया जा रहा है। पैसेंजर्स की सुविधा के लिए कैशलेस व्यवस्था की गई है। इसके लिए परिवहन निगम ने रीजन के गोरखपुर, राप्तीनगर, महराजगंज, पडरौना, देवरिया, सिद्धार्थनगर, सोनौली डिपो को 755 टच स्क्रीन ई-टिकटिंग मशीन दीं। इसके जरिए पैसेंजर्स को टिकट दी जाती है। मगर अब सिस्टम हैक होने की वजह से ई-टिकटिंग मशीन की सेवा ठप पड़ गई है। बताया जा रहा है कि कंडक्टर कम दूरी का टिकट नहीं बना रहे थे। इसकी वजह से पैसेंजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा है। हाईलाइट्स -
-25 अप्रैल की रात विभाग की साइट हैक हुई -साइबर जालसाजों ने वेबसाइट हैक की ।-मैनुअली कार्य करने के लिए निर्देश जारी -सात दिन वेबसाइट सही होने में लग सकता है समय रोडवेज में कैशलेस की सुविधा होने से काफी सहुलियत मिल रही थी लेकिन अब ई-टिकटिंग मशीन से टिकट नहीं मिल रहा है। इसके बारे में जब कंडक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मशीनें बंद हो गई है। ठीक होने के बाद टिकट मिलेगा। इसके बाद कैश देकर टिकट लेना पड़ा। अनिल कुमार, पैसेंजर कैशलेस की सुविधा होने से ज्यादातर लोग कैश लेकर नहीं चलते हैं। ई-टिकटिंग मशीन का सिस्टम फेल होने से प्रॉब्लम हो रही है। सफर करना मजबूरी है इसलिए कैश से टिकट लेना पड़ा। इसकी क्या वजह है यह कोई बताने को फिलहाल तैयार नहीं है। वीरेंद्र प्रसाद, पैसेंजर हैकर्स ने सिस्टम को हैक कर लिया है। जिसकी वजह से यूपी में ई-टिकटिंग मशीन काम नहीं कर रही है। डिपो के सभी कंडक्टर्स को मैनुअल टिकट उपलब्ध करवाया गया है। ताकि पैसेंजर्स को किसी प्रकार की प्रॉब्लम ना हो सके। - पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन