ब्लैकमनी पर वार से कारोबार ठप
- फल, सब्जी और आलू मंडी में पसरा रहा सन्नाटा
- भीड़ से जूझते रहने वाली मार्केट में नहीं नजर आए कस्टमर्स - आम दिनों के मुकाबले 75 परसेंट कम हो गई सेल GORAKHPUR: 500 और 1000 की नोट पर सरकार के बैन का साइड इफेक्ट बुधवार को देखने को मिला। सरकार के ब्लैक होने पर किए करारे वार से सारा थोक और फुटकर कारोबार ठप हो गया। मार्केट में लोग खरीदारी के लिए तो निकले, लेकिन नोट एक्सेप्ट न होने से उन्हें बैरंग वापस लौट गए। सबसे ज्यादा खराब हालत थोक मंडी की रही, जहां व्यापारी अपने सामान के बिकने का इंतजार करते रहे, लेकिन वहां खरीदार नहीं पहुंचे। ऊहापोह की कंडीशनथोक मार्केट में मौजूद व्यापारियों की मानें तो सरकार का यह फैसला उनके लिए गले की फांस बन गया है। अगर वह 500 और 1000 की नोट नहीं लेते हैं, तो उनके कारोबार पर इसका खासा असर पड़ रहा है। वहीं अगर वह ले लेते हैं तो दूसरे थोक व्यापारी उनसे पैसा लेंगे या नहीं यह बड़ा सवाल है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकार ने नोट बदलने में भी कंडीशन लगा रखी है और इसकी लिमिट भी चार हजार रुपए तय कर दी है, ऐसे में व्यापारी उहापोह की कंडीशन में हैं और सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं।
25 परसेंट हो गया बिजनेस व्यापारियों की मानें तो सुबह से ही मार्केट में काफी कम चहल-पहल रही। लोग मारे डर के घरों से 500 और 1000 का नोट लेकर नहीं निकले। सुबह सिर्फ वही पहुंचे, जिनके घरों में कोई फंक्शन था, इसमें भी ज्यादातर लोगों को लौटाना पड़ा। जो परिचित थे, उन्हें रिलैक्सेशन देते हुए बाद में पैसा देने की छूट दे दी गई, बाकी कई लोगों को वापस लौटना पड़ा। नोट बंद होने से बिजनेस काफी प्रभावित हुआ और सेल में 75 परसेंट तक कमी आई है। वर्जन सुबह से काफी कम सेल हुई है। आम दिनों के मुकाबले करीब 75 परसेंट लोग कम पहुंचे हैं, जो लोग आए भी हैं, वह 500 का नोट लेकर आए थे। हमारे पास पहले से काफी नोट था, इसलिए उन्हें लौटा दिया। - शम्स तबरेज, आलू व्यापारी, महेवा मंडी शादी के सीजन में आलू और प्याज की सबसे ज्यादा सेल रहती है। मैरेज सीजन चल रहा है, लेकिन नोट बंद होने की वजह से लोग खरीदारी के लिए मार्केट में ही नहीं पहुंचे। सुबह से महज 10 परसेंट दुकानदारी हुई है। - मोहम्मद शाहिद, प्याज व्यापारी, महेवा मंडीआम दिनों में दो ट्रक से ज्यादा केला सेल कर देता हूं। अब तक एक ट्रक केला नहीं बिका है। कोई माल लेने के लिए पहुंचा ही नहीं। कुछ छोटे व्यापारी आए थे, जिन्हें सामान दिया गया है।
- मुश्ताक, फल विक्रेता, फल मंडी महेवा फल और सब्जी ऐसा माल होता है कि अगर रोजाना न बेचा जाए, तो उसके सड़ने का डर रहता है। मगर नोट पर बैन की वजह से कस्टमर्स की तादाद काफी कम हो गई। इससे दिन भर में आम दिनों के मुकाबले 25 परसेंट ही सेल हो सकी। - विजय कुमार, सब्जी विक्रेता, सब्जीमंडी महेवा