पहले धोनी का 'छक्का', फिर नोटबंदी ने दिया गच्चा
- नोट की प्रॉब्लम के चलते थिएटर्स तक नहीं पहुंच रहे लोग, रूरल एरियाज के सिनेमाघरों में लटका ताला
- टैक्स फ्री होने से फिल्म धोनी से नहीं हुई कमाई, इसके बाद नोटबंदी ने से हुई प्रॉब्लम - मनोरंजन डिपार्टमेंट को हुआ 50 परसेंट रेवेन्यू लॉस GORAKHPUR: नोटबंदी, एक ऐसा टॉपिक है, जिससे न सिर्फ आम जनता को बल्कि गवर्नमेंट को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसकी जद में जहां कई बड़े विभाग आए हैं, वहीं रेवेन्यू के मामले में अच्छी कमाई कराने वाला एंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट भी अछूता नहीं है। हालत यह है कि 500 और एक हजार रुपए के नोट बंद होने से एंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट को भी अपना टारगेट पूरा करने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं। पहले धोनी ने बजाई बैंडएंटरटेनमेंट टैक्स के तौर पर सरकार को सिर्फ गोरखपुर से करीब 12 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। इसमें प्रतिमाह का टारगेट एक करोड़ रुपए है। मगर इस माह की शुरुआत में रिलीज हुई मूवी एमएस धोनी, जिससे एंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट ने कमाई करने की तैयारी कर रखी थी, उसके टैक्स फ्री होने से झटका लगा। एक हफ्ते तक सिनेमा इंडस्ट्री से विभाग को कोई भी प्रॉफिट नहीं हुआ, वहीं दूसरे हफ्ते से 500 और एक हजार के नोट बंद होने से उनकी कमर ही टूट गई।
हफ्ते दर हफ्ते घटा आंकड़ा नोट बंदी की वजह से एंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट को खासा झटका लगा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो हफ्ते दर हफ्ते कलेक्शन का आंकड़ा कम होता गया। अक्टूबर की बात करें तो इसके लास्ट वीक में टैक्स के तौर पर करीब 19 लाख रुपए कलेक्शन हुआ। वहीं एक नवंबर से 7 नवंबर के बीच विभाग ने 21 लाख रुपए जमा किए। मगर जैसे ही नोटबंदी हुई, उसका नजर भी मार्केट में साफ तौर पर नजर आने लगा। 8 नवंबर से 14 नवंबर के बीच विभाग महज 7 लाख रुपए ही वसूल पाया। कम होती गई कमाई 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर - 18 लाख 22 अक्टूबर से 31 अक्टूबर - 18,67000 01 नवंबर से 7 नवंबर - 20,7000 08 नवंबर से 14 नवंबर - 7,78000 वर्जन नोटबंदी की वजह से इधर कलेक्शन कम हुआ है। जहां कलेक्शन के लिए इंस्पेक्टर जा रहे हैं, वहां लोग पुराने नोट दे रहे हैं। इसकी वजह से कलेक्शन करीब 50 परसेंट कम हो गया है। कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा कलेक्शन किया जा सके। - प्रभात कुमार चौधरी, मनोरंजन कर अधिकारी