- नगर निगम ने पांच साल में करोड़ों रुपए किया खर्च

- घालमेल के खर्च ने सिटी में हालत कर दी बदतर

- नाला निर्माण के साथ सिटी में लगता गया जलजमाव

GORAKHPUR: नगर निगम की कारगुजारी के कारण सिटी में बारिश होते ही एक खौफ फैल जाता है। यह खौफ होता है जल जमाव का। हालांकि नगर निगम हर साल पब्लिक के इस खौफ को कम करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करता है। नगर निगम के कागजी दावों का सच सिटी में बारिश होते ही दिखने लगता है। नगर निगम करोड़ों रुपए हर साल खर्च करता है फिर भी गोरखपुराइट्स की जिंदगी बारिश होते ही नरकीय हो जाती है।

साल- 2012-13, जल जमाव से निपटने का बजट- लगभग 7 से 8 करोड़

काम - सिटी के वार्ड नं। 48, 25, 13, 15 व 57 सहित कई अन्य वार्डो में बड़े नालों का निर्माण किया गया। इसके अलावा इस साल 50 से अधिक नालों की मरम्मत और 250 से अधिक छोटी-बड़ी नालियों का निर्माण किया गया।

मौजूदा हाल- इस वित्तीय वर्ष के अधिकांश नाले जल निकासी की जगह जल जमाव का काम करने लगे हैं। वार्ड नं 48 और वार्ड नं 25 के अधूरे नालों के कारण ये एरिया जल जमाव का केंद्र बन गया है। वार्ड नं 57 का नाला पूरे साल गंदगी से पटा रहता है। इस साल लाखों रुपए नाले की सफाई पर भी खर्च हुए, लेकिन स्थिति यह हुई कि इस बारिश में सबसे अधिक सिटी के लोग जल जमाव से परेशान हुए। नाला निर्माण और सफाई पर कागजी कार्रवाई ने बारिश होते ही नगर निगम की पोल खोल कर रख दी।

साल- 2013-14, जल जमाव से निपटने का बजट- लगभग 10 करोड़ रुपए

काम - नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2013-14 में वार्ड 30, 40, और 69 में 5 बडे़ नए नाले, सिटी के अन्य वार्डो के 50 से अधिक छोटे-बड़े नालों की मरम्मत के अलावा 200 से अधिक छोटी नालियों का निर्माण कराया गया।

मौजूदा हाल- नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 में सिटी में जो पांच नालों का निर्माण कराया गया। उसमें वार्ड नं। 69 महुईसुघपुर में बने नाले का ढाल ही इंजीनियर्स की टीम ने गलत बना दिया, महेवा और बेतियाहाता में बने नाले वर्तमान में टूट चुके हैं। वहीं इसी वित्तीय वर्ष में बना एक और नाला महेवा फलमंडी के कूड़ादान में तब्दील हो गया है। इन नालों की सफाई पर भी नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च किए। बकायदा नाला गैंग लगाकर सफाई की गई। इतने रुपए खर्च होने के बाद की स्थिति यह रही कि बारिश होते ही सिटी के कई मोहल्लों में जल जमाव हो गया।

साल- 2014-15, जल जमाव से निपटने का बजट- लगभग 15 करोड़ रुपए

काम - इस साल नगर निगम ने सिटी में सबसे अधिक नालों का निर्माण कार्य किया। निर्माण विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में वार्ड नं 59, 11, 10, 55, 35, 1, 2, 5, 47, 65, 12, 43 में कुल 15 बड़े नालों का निर्माण कराया। इसके अलावा 10 छोटे-बड़े नालों की मरम्मत के अलावा 500 से अधिक छोटी नालियों का निर्माण किया गया।

मौजूदा हाल- इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम के कागजी दावों ने तो सिटी को जल जमाव मुक्त करा दिया। नाला निर्माण के कई प्रस्ताव पास हुए और काम भी शुरू हुए, इन नालों की स्थिति यह है कि वार्ड नं 59, 12 के नाले आज तक पूरे नहीं हो पाए। 55 और 35 में नाला तो बन गया, लेकिन संपबेल न बनने के कारण इनका पानी भी घुमकर वार्ड में ही आ जाता है। जो नाले बन कर तैयार हो गए हैं, उनकी सफाई न होने के कारण पिछली बारिश में सिटी कई के एरिए जलमग्न हो गए थे। वार्ड नं 10 के नाले की सफाई न होने के कारण पिछले साल राप्तीनगर सब स्टेशन के पास जल जमाव ने लोगों को चौका दिया कि अब यहां भी जल जमाव होने लगा।

साल- 2015-16, जल जमाव से निपटने का बजट- तीन माह में लगभग 5 करोड़

काम - सिटी के वार्ड नं 31 और वार्ड नं 10 में नाला निर्माण का कार्य पूरा हो गया है, वार्ड नं 29 में नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 15 छोटे-बड़े नालों की मरम्मत का काम हो चुका है और 100 के लगभग नालियों का निर्माण हुआ है।

मौजूदा हाल- मानसून अभी तक नहीं आया है, लेकिन अभी से ही सिटी के कई एरिया में डर फैल गया है। क्योंकि जो पुराने नाले हैं उनमें अधिकांश की सफाई नहीं हो पाई तो कई ऐसे नाले हैं, जिनका कार्य अभी तक अधूरा है। अधूरे नाले इस बरसात में जल जमाव का सबसे बड़ा कारण बनेंगे। नगर निगम का दावा है कि इस साल लगभग सभी नालों की सफाई भी हो चुकी है, लेकिन वार्ड नं 39, 8, 49 सहित कई अन्य वार्ड के पार्षद डेली नगर आयुक्त को कंप्लेन कर रहे हैं कि हमारे यहां अभी तक नाला सफाई का कोई गैंग नहीं आया है। हालांकि नगर निगम का दावा है कि सभी बड़े नालों की सफाई तो हो गई है।

Posted By: Inextlive