बेटे की सूरत देखने नहीं आई मां
- पब्लिक से मुठभेड़ में मारा गया था धीरज
- पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार GORAKHPUR : पब्लिक से मुठभेड़ में मारे गए धीरज को अपनों का कंधा नसीब नहीं हुआ। असलहों के बल पर जिसकी तूती बोलती थी, उस बेटे को आखिरी बार मां-बाप ने भी नहीं देखा। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने क्रियाकर्म कराया। धीरज का बड़ा भाई पहले ही पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है। वारदात के नामजद अभियुक्तों की तलाश में पुलिस की टीम लगी है। सीतापुर छोड़कर लखनऊ में रहती है फैमिलीपिपराइच एरिया के ककरहिया में क्फ् मई की सुबह करीब नौ बजे बाइक सवार तीन बदमाश पहुंचे। बदमाशों ने प्रापर्टी डीलर धर्मेद्र पासवान को टारगेट करके गोलियां दागी। बदमाशों के हमले में धर्मेद्र के पास मौजूद वीरेंद्र नाम के युवक की मौत हो गई। धर्मेद्र सहित पांच लोग घायल हो गए। बदमाशों को ललकार कर पब्लिक ने हमला बोल दिया जिसमें सीतापुर निवासी धीरज उर्फ धीरु और भीटी खोरिया निवासी राघवेंद्र की मौत हो गई। गंभीर हाल लखनऊ के नौबस्ता निवासी पवन का मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। पवन के बताने पर पुलिस टीम धीरज उर्फ धीरु के घर पहुंची। वहां पट्टीदारों ने बताया कि वर्ष ख्00म् में धीरु के बड़े भाई रिंकू का एनकाउंटर हो गया था। इसके बाद पूरी फैमिली प्रापर्टी बेचकर लखनऊ चली गई। लखनऊ के गोमती नगर स्थित ठिकाने पर पुलिस पहुंची।
मां बोलीं, हम नहीं जा पाएंगे वहां पुलिस का कहना है कि धीरु की मां मंजू से मुलाकात हुई। बातचीत में उन्होंने बताया कि मंडे मार्निग दोस्त के साथ गोरखपुर आने की बात करके वह घर से निकला था। तभी से उसके बारे में कोई सूचना नहीं मिली। वह दिनभर घर पर मां-बाप के साथ रहता था। शाम होने के बाद वह कहीं चला जाता था। धीरु के मौत की सूचना देने मां ने गोरखपुर आने से इंकार दिया। पुलिसवालों से कहा कि पति वेद प्रकाश की हालत ठीक नहीं है। जहां चाहिए कागजों पर दस्तखत करा लीजिए। कागजी कार्रवाई पूरी करके पुलिस गोरखपुर लौट आई। सैटर्डे को धीरू का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कराया। माफिया के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही पुलिसधर्मेद्र पासवान पर हमले के बाद कई नई बातें सामने आई हैं। नामजद अभियुक्तों का माफिया से कनेक्शन मिलने पर पुलिस एक्टिव हो गई है। अफसरों का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है। पुख्ता सबूत मिलते ही माफिया पर शिकंजा कसा जाएगा। उभरते बदमाशों को संरक्षण देने, अपने हितों के लिए इस्तेमाल करने सहित कई तथ्यों की जांच शुरू हो गई है।
धीरेंद्र के फैमिली मेंबर्स डेड बॉडी लेने नहीं आए। एनजीओ की मदद से पुलिस उसका दाह संस्कार कराएगी। ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण