Gorakhpur News: गोरखपुर यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति नेता बना रही या हिस्ट्रीशीटर? आखिर क्यों चुन रहे क्राइम का रास्ता...
सिटी के युवा इन दिनों भौकाल दिखाने के चक्कर में गलत रास्तों की ओर कूच कर रहे हैं। बीते सालों में सिटी में हुए केसेज इसकी पुष्टि कर रहे हैं। भौकाल के नशे में चूर इन युवाओं पर एक के बाद एक केस दर्ज होने के चलते हिस्ट्रीशीटर्स की लिस्ट में भी इनका नाम शामिल हो गया।
हॉस्टल के कमरे में आगकरीब पांच साल पहले एनसी हॉस्टल में छात्रनेताओं के दो गुटों में वर्चस्व को लेकर शुरू हुई लड़ाई इतनी बढ़ गई कि एक गुट ने हॉस्टल के कमरे में ही आग लगा दी। वहीं, मारपीट में दोनों पक्ष के कई लोगों को चोटें भी आईं। बाद में पहुंची पुलिस ने दोनो पक्षों के आरोपी छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया।
दावत में मारपीट
करीब पांच माह पहले संतकबीर हॉस्टल में आयोजित में पहुंचे छात्रनेताओं के दो गुटों में गाड़ी पार्किंग को लेकर विवाद हो गया। मामला बढऩे पर मारपीट शुरू हो गई। इसके बाद एक पक्ष के मनबढ़ों ने दूसरे पक्ष के कुछ युवकों को तेज रफ्तार कार से टक्कर मार दी। इसमें आधा दर्जन लोग चोटिल हुए थे। बाद में मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया। बाद में पुलिस की छानबीन में पता चला कि दोनों मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं।
साल 2023 के जुलाई माह में तत्कालीन वीसी के खिलाफ प्रर्दशन कर रहे एबीवीपी के कार्यकर्ता बात न सुनने को लेकर आक्रामक हो गए थे। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने वीसी के साथ ही रजिस्टार और मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ खूब मारपीट की। हमले में रजिस्टार, वीसी और पुलिसकर्मियों के साथ ही कुछ छात्रों को भी गंभीर चोटें आई थीं। घटना के समय 67 सालों के इतिहास में पहली बार किसी कुलपति के साथ मारपीट हुई थी। हालाकि इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने 22 छात्रनेताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। वहीं, दस छात्रनेता जेल भी गए थे। फिलहाज मामले की जांच जारी है।
दलित छात्र को पीटा
करीब आठ माह पहले यूनिवर्सिटी में दादागीरी करने के चक्कर में एक मनबढ़ छात्र ने दलित छात्र को बुरी तरह पीट दिया था। आरोपी छात्र को शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। डरा-सहमा छात्र जब पुलिस के पास पहुंचा और मनबढ़ की जांच शुरू हुई तो पता चला कि उसके खिलाफ पहले भी केस दर्ज हो चुके हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया।
करीब पांच माह पहले यूनिवर्सिटी के एमबीए डिपार्टमेंट के छात्र और एक छात्रनेता के बीच लड़की को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि दोनों ओर से दर्जनों स्टूडेंट्स में मारपीट शुरू हो गई। हमले में छात्रनेता ने दूसरे पक्ष के स्टूडेंट का सिर फोड़ दिया था। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो आरोपी छात्रनेता के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ। चार साल में 27 मामले
बीते चार सालों में यूनिवर्सिटी में दादागीरी और भौकाल दिखाने के चक्कर में छात्रों के गुटों में 27 से अधिक बार मारपीट के मामले दर्ज किए गए। हालाकि पुलिस ने इन मामलों में प्रभावी कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही भटके छात्रों की काउंसलिंग भी कराई। एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने बताया कि बीते सालों में छात्रों के दादागीरी के कुछ मामले हुए थे। ज्यादातर झगड़े वर्चस्व की लड़ाई में हुए। सभी मामलों में पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है। भटके छात्रों की काउंसलिंग कर उन्हें समझाया गया।
वहीं, मनोवैज्ञानिक डॉ। गरिमा सिंह ने कहा , 'ज्यादातर यूथ अपना वर्चस्व बनाने के चक्कर में क्राइम कर बैठते हैं। ऐसे में छात्रों को प्रापर काउंसलिंग की जरूरत होती है। माता-पिता को भी यंग बच्चों की एक्टीविटी पर निगरानी रखनी चाहिए.'