गोरखपुर जिले में कोरोना संक्रमण का ग्राफ एक बार फिर तेजी के साथ बढ़ रहा है. रविवार तक जिले में एक्टिव संक्रमितों की संख्या 13 थी सोमवार को 16 और मंगलवार को 5 नए कोविड पॉजिटिव केस मिलने के बाद इनकी संख्या 34 पहुंच गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।2023 की बात करें तो सबसे पहले दो संक्रमित जिला जेल में मिले थे, इसके बाद केस बढऩे का शुरू हुआ सिलसिला अब भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन अब जरूरी हो गया है। बिना इसको फॉलो किए संक्रमण को रोकना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी है कि मास्क लगाने के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए। जेल में अब तक 22 संक्रमित


कोविड संक्रमण की जांच में सात माह के बाद सोमवार को 16 लोगों में एक साथ संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके पूर्व 10 सितंबर 2022 को 16 संक्रमित मिले थे। सोमवार को मिले संक्रमितों में 12 संक्रमित ऐसे हैं जो जेल में बंद हैं। इस माह अब तक जेल में 22 बंदियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ। एके सिंह ने बताया कि जांच संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि कोरोना की रोकथाम की जा सके। जोनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सोमवार को 12 कोरोना संक्रमितों के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू लखनऊ) भेजा है। इनमें 10 सैंपल जेल के बंदियों के हैं। एचओडी डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार का निर्देश है कि केजीएमयू में ही सैंपल भेजकर जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। जबकि अब यहां क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) में इसकी सुविधा शुरू हो गई है। अभी आरएमआरसी में सैंपल भेजने का निर्देश नहीं मिला है। क्या है कोरोना वायरस?कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है। कैसे फैलता है? - यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। - खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है। - किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है।कोरोना वायरस के लक्षण - - बुखार आना- सिरदर्द- नाक बहना- खांसी- गले में खराश- फेफड़ों में सूजन- छींक आना- आंख-नाक से पानी- हाथों पैरों में अकडऩ- सीवियर इंफेक्शन से निमोनिया- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम- किडनी फेल्योर

क्या करें - - मास्क का इस्तेमाल करें।- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें और हाईजीन मेनटेन रखें।- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें। - जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।- बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को न छूएं।- मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं।- सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं। - ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं।

Posted By: Inextlive