यहां भी खड़ी हो गई है नाइंसाफी की दीवार
- सफाईकर्मियों के टेंडर में वार्डो के साथ हुई नाइंसाफी
- मार्केट और घनी आबादी वाले एरिया में सफाईकर्मियों की तैनाती कम GORAKHPUR : नगर निगम में सफाईकर्मियों के लिए निकाला गया टेंडर विवादों में है। पार्षदों का कहना है कि टेंडर में वास्तविकता को नजरअंदाज कर मनमाने तरीके से सफाईकर्मी आवंटित किया गए है। इससे आवासीय एरिया के पार्षद तो खुश हैं, लेकिन मार्केट एरिया तथा भीड़भाड़ वाले एरियाज के पार्षद टेंशन में हैं कि इतने कम सफाईकर्मियों के भरोसे कैसे सफाई होगी। उनको अब यह डर सताने लगा है कि कैसे गलियों की सफाई नियमित होगी। इसी वजह से पार्षदों ने सफाई ठेके का विरोध शुरू कर दिया है। जहां भीड़ ज्यादा, वहां सफाईकर्मी कमनगर निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक अखिलेश श्रीवास्तव का कहना है कि सिटी में सबसे अधिक कूड़ा मार्केट और घनी आबादी वाले एरिया से निकलता है। आवासीय एरिया से एक निश्चित अमाउंट में कूड़ा निकलता है। पार्षदों का आरोप है कि बिना किसी आधार के सफाईकर्मियों का आवंटन किया गया है। वार्ड नंबर 8, महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर ख् में ब्भ् सफाईकर्मियों की तैनाती की गई है, जबकि तीन-तीन मंडी और ट्रांसपोर्ट नगर, जहां से डेली बड़ी मात्रा में कूड़ा निकतला है वहां मात्र फ्0 सफाईकर्मियों की तैनाती है। वार्ड नं 70 शेषपुर वार्ड में जहां गीता प्रेस, रेती और घंटाघर है, वहां सिर्फ फ्फ् कर्मचारी तैनात हैं। सिविल लाइंस ख् के पार्षद अजय राय का कहना है कि उनके वार्ड में गोलघर, बेतियाहाता, कचहरी और दोनों सब स्टेशन, कमिश्नर कार्यालय, विकास भवन है। इस एरिया में जिले ही नहीं, मंडल से भी लोग आते हैं। इस वार्ड में वीआईपी मूवमेंट भी ज्यादा होता है। पार्षद की मानें तो उनके वार्ड से डेली क्0 सफाईकर्मी वीआईपी डयूटी में लगा दिए जाते हैं जबकि गिरधरगंज बाजार में ब्फ् कर्मचारियों को तैनाती दी गई है।
निवासियों की संख्या को आधार बनाना तर्कसंगत नहीं सपा पार्षद दल के नेता संजय सिंह का कहना है कि जनसंख्या के आधार पर कर्मचारियों की तैनाती पूरी तरह से गलत है। हमारे वार्ड की कुल आबादी लगभग ख्भ् हजार है। ऐसे में हमारे यहां कम से कम 70 सफाईकर्मी चाहिए, जबकि मात्र ब्0 सफाईकर्मी आवंटित किए गए हैं। वहीं गिरधरगंज बाजार में कुल जनसंख्या ख्0 हजार है और वहां ब्फ् सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं। यही हाल सिविल लाइंस द्वितीय का है। यहां भीड़ बहुत ज्यादा होती है, लेकिन मात्र फ्0 सफाईकर्मी की तैनाती की गई है।नगर निगम ने सफाईकर्मियों के लिए जो टेंडर निकाला है, उसमें गलतियां ही गलतियां है। किसी वार्ड में ब्भ् तो किसी वार्ड में ख्भ् सफाईकर्मियों की तैनाती की जा रही है। नगर निगम के अफसर पहले स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की जांच कराएं कि किस वार्ड से कितना कूड़ा निकलता है, उसके बाद सफाईकर्मियों की तैनाती करें।
जर्नादन चौधरी, पार्षद, वार्ड नं भ्फ् विकास नगर हमारे यहां एक भी सफाई कर्मचारी नहीं बढ़ाया गया है जबकि सबसे अधिक वीआईपी हमारे वार्ड में आते हैं। जब वीआईपी आते हैं तो रूटीन वालों की डयूटी लगा दी जाती है। कई एरिया में सफाई ही नहीं हो पाती है। अजय राय, पार्षद, वार्ड नं ब्ख् सिविल लाइंस द्वितीय