कार्यकारिणी के नियम भी तार तार
- नगर निगम के ठेकेदाराें ने डाला 25 प्रतिशत बिलो टेंडर
- पार्षदों में काम की गुणवत्ता को लेकर संदेह GORAKHPUR: अधिक से अधिक काम पाने के होड़ में नगर निगम के ठेकेदार काम की गुणवत्ता से खेल खेल रहे हैं। आलम यह है कि ठेकेदार नगर निगम के मानकों को ताक पर रख कर ख्0 से ख्भ् प्रतिशत बिलो टेंडर डालकर काम कराने के लिए तैयार हैं। इस खेल में ठेकेदार नगर निगम की कार्यकारिणी और बोर्ड के प्रस्ताव की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कार्यकारिणी में हुआ था क्0 प्रतिशत का निर्णयनगर निगम की कार्यकारिणी के छठी बैठक में उपसभापति ने मुद्दा उठाया था कि ठेकेदार निर्माण कार्यो में क्भ् प्रतिशत बिलो से ज्यादा टेंडर डाल रहे हैं। इससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जो ठेकेदार क्0 प्रतिशत से अधिक बिलो टेंडर डालेगा उसका टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा। उसके बाद सभी टेंडर क्0 प्रतिशत बिलो में आने लगे थे, लेकिन अब फिर से ठेकेदार मनमानी पर उतर आए हैं।
गुणवत्ता पर पड़ेगा असरबिलो टेंडर का सबसे अधिक प्रभाव काम की गुणवत्ता पर पड़ता है। एक जेई ने बताया कि ठेकेदार केवल ज्यादा से ज्यादा काम पाने के लिए बिलो टेंडर डालते हैं। ऐसे में उन्हें काम तो मिल जाता है और काम भी शुरू कर देते हैं, लेकिन इसका सीधा असर काम की क्वालिटी पर पड़ता है। कई बार तो ठेकेदार दूसरे अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने के लिए भी बिलो टेंडर डालते हैं। ऐसे में उन्हें टेंडर तो मिल जाता है, लेकिन वे लागत कम होने की वजह से काम पर असर पड़ता है। सिटी में कई बार ऐसे ही बिलो टेंडर के काम कई माह तक ठेकेदार करते ही नहीं है और पब्लिक परेशान होती है। ऐसे में कई बार नगर निगम उस रोड को फिर से टेंडर निकालता है।
क्या होता है बिलो टेंडर नगर निगम का निर्माण विभाग किसी भी काम को कराने के पहले पीडब्ल्यूडी के रेट शेडयूल के हिसाब से उस निर्माण कार्य की लागत का अनुमान करता है। उसी लागत के हिसाब से टेंडर में लागत तय की जाती है। ठेकेदार टेंडर डालते समय इस लागत में तैयार हो जाते हैं। जो ठेकेदार जितना प्रतिशत कम डालता है उसी को कम बिलो टेंडर कहा जाता है।गुणवत्ता नगर निगम की प्राथमिकता है। इसको ध्यान में रखकर ही किसी भी टेंडर की स्वीकृत दी जाएगी। गुणवत्ता के लिए जो मानक है उसका पालन किया जाएगा। बिलो टेंडर के लिए जो नगर निगम के नियम है उनका पाल किया जाएगा।
राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त